वित्तीय संकट से जूझ रही विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज के बारे में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने आज कहा कि उसके नेतृत्व में ऋणदाता बैंकों का कंसोर्टियम कंपनी का पुनर्गठन इस प्रकार करने की योजना बना रहा है ताकि उसे दीर्घकालीन स्थिरता प्रदान की जा सके।
मीडिया में कंसोर्टियम द्वारा जेट एयरवेज की हिस्सेदारी बेचकर निदेशक मंडल में बदलाव की खबरों के बाद एसबीआई ने आज एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि जेट एयरवेज की समाधान प्रक्रिया जरूरी शुरू कर दी गयी है, लेकिन अभी सिर्फ संभावित खरीददारों से बातचीत चल रही है। उसने कहा है कि कंपनी के मूल्यांकन आदि को लेकर मीडिया में आ रहे आँकड़े कयासबाजी मात्र हैं।
उल्लेखनीय है कि एयरलाइंस चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 262 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान उठा चुकी है। नकदी की कमी के कारण वह अपने कर्मचारियों को नियमित वेतन नहीं दे पा रही है। ऋणदाताओं को गत 31 दिसंबर को उसे जो किस्त देनी थी, वह भी कंपनी नहीं दे पाई है।
एसबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा “इस संबंध में एसबीआई स्पष्ट करता है कि जोखिम में फँसे ऋण के समाधान के लिए ऋणदाता आरबीआई के नियमों के दायरे में पुनर्गठन योजना पर विचार कर रहे हैं ताकि कंपनी की दीर्घकालीन स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।” प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि इस तरह की योजना पर अंतिम फैसला होने के बाद उसके लिए ऋणदाताओं के निदेशक मंडल से मंजूरी लेनी होगी और यदि आवश्यक हुआ तो भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड तथा नागर विमानन मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी।
इससे पहले इतेहाद एयरवेज के जेट एयरवेज की हिस्सेदारी खरीदने की संभावना के बारे में आ रही मीडिया रिपोर्टों पर जेट एयरवेज ने बुधवार को कहा था कि उसकी इतेहाद एयरवेज से कोई बात नहीं चल रही है और एसबीआई के नेतृत्व में ऋणदाताओं का कंसोर्टियम समाधान प्रक्रिया पर काम कर रहा है। उसने बताया था कि पुनर्गठन के तहत अन्य विकल्पों के साथ किसी संभावित निवेशक द्वारा इक्विटी के जरिये निवेश की योजना भी शामिल है जिसके परिणाम स्वरूप कंपनी के निदेशक मंडल में भी बदलाव होगा।