नव विक्रम संवत्सर 2076 का शुभारंभ गुड़ी पड़वा पर 6 अप्रैल शनिवार को रेवती नक्षत्र में होगा। परिधावी नाम के इस संवत्सर के राजा शनि व मंत्री सूर्यदेव होंगे। ज्योतिषियों ने परिधावी नाम को अति शीघ्रता से अनुसरण करने वाला बताया है। इसी दिन चैत्र प्रतिपदा भी रहेगी और नवरात्र महोत्सव भी शुरू होगा। नवरात्र में 5 सर्वार्थ सिद्धि योग और 1 रवि पुष्य होगा। दुर्गाष्टमी का पर्व 13 अप्रैल को मनाया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य पं. प्रहलाद पंड्या के अनुसार नूतन विक्रम संवत्सर का प्रारंभ 6 अप्रैल को सूर्योदय के साथ प्रात: 6:06 बजे से होगा। शनिवार होने से इस नव संवत्सर का राजा शनि एवं मंत्री उनके पिता सूर्य रहेंगे। बुध सस्येश, रसेश शुक्र व मंगल धनेश होंगे। पं. भंवरलाल शर्मा का कहना है कि शनि व सूर्य में परस्पर विरोधाभास रहने के कारण राजनीति के क्षेत्र में वर्षभर उछल-पुथल मची रहेगी। वर्षा सामान्य रहेगी, परंतु प्राकृतिक आपदाएं और आतंकी घटनाएं होंगी। धर्म-अध्यात्म व न्याय के क्षेत्र में कई बड़े फैसले होंगे, जो अमल में भी लाए जाएंगे।
छह दिन विशेष योग: ज्योतिषी अंजना गुप्ता ने बताया कि चैत्र नवरात्र में पांच दिन सर्वार्थ सिद्धि योग एवं एक दिन रवि पुष्य योग रहने से इन दिनों की शुभता बढ़ेगी। सर्वार्थ सिद्धि योग 7 अप्रैल सुबह 6:27 से 8:43 बजे तक, 9 अप्रैल सुबह 6:25 से 10:18 बजे तक, 10 अप्रैल को सुबह 6:24 से दूसरे दिन सुबह 6:23 बजे तक, 12 अप्रैल को सुबह 9:53 से दूसरे दिन सुबह 6:21 बजे तथा 14 अप्रैल को सुबह 6:20 से 7:39 बजे तक रहेंगे। 14 अप्रैल को रवि पुष्य योग भी रहेगा। नवरात्र में रवि पुष्य योग मंत्र और यंत्र साधना के लिए विशेष फलदायी होता है। शारदीय नवरात्र 29 सितंबर को मनाई जाएगी।
इस साल पड़ेंगे तीन ग्रहण : इस नवसंवत्सर में 3 ग्रहण होंगे। खग्रास सूर्य ग्रहण 2 जुलाई को, खंडग्रास चंद्र ग्रहण 16 जुलाई और कंकड़ सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को घटित होगा। 2 जुलाई को घटित होने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। शेष दोनों ग्रहण भारत में दृश्य होंगे।