आरटीई के तहत एडमिशन के लिए तय सिस्टम जटिल होने औैर प्राइवेट स्कूलों द्वारा पालकों को परेशान करने से प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या हर साल घटती जा रही है। इसी कारण इस वर्ष राज्य शिक्षा केंद्र ने इंडस एक्शन संस्था की मदद ली है। इस संस्था ने प्रवेश के लिए हेल्पलाइन नंबर 011- 39589100 भी जारी किया है। इस पर कोई भी पालक एडमिशन से संबंधित जानकारी ले सकता है।
गौरतलब है कि चालू सत्र में आरटीई के तहत प्रवे प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इसके लिए वे ही छात्र पात्र होंगे, जो कमजोर व वंचित वर्ग अर्थात बीपीएल, अंत्योदय कार्डधारी होंगे या फिर आरक्षित, नि:शक्त, विमुक्त जाति से होंगे। इनकी उम्र नर्सरी, केजी के लिए 3 से 5 साल के बीच होना जरूरी है और पहली कक्षा के लिए 5 से 7 साल के बीच। प्रवेश संबंधित स्कूल की प्रारंभिक कक्षा में ही मिलेगा। प्रवेश केवल उन्हीं स्कूलों में मिलेगा, जो संबंधित छात्र के पालक के निवास की पड़ोसी बसाहट में होंगे।
मदद नहीं करते प्राइवेट स्कूल : विभागीय अफसरों का दावा है कि प्राइवेट स्कूल वंचित समूह के बच्चों को प्रवेश देने में आनाकानी करते हैं। इसकी वजह सरकारी सिस्टम को भी माना जा सकता है। बताया जाता है कि विभाग एक छात्र के दाखिला देने के बदले पूरे साल का खर्च प्राइवेट स्कूल को वर्तमान में 4419 रुपए देता है जबकि इतनी फीस वे छात्र से एक महीने में ही वसूली लेते हैं। यह पैसा भी समय पर नहीं मिलता।