सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई से एकीकृत जांच कराने के लिए दायर जनहित याचिका पर उच्चतम न्यायालय गुरुवार को सुनवाई करेगा। इसमें कहा गया है कि इस मामले की मुंबई पुलिस द्वारा की जा रही जांच के तरीके से पूरा देश स्तब्ध है।
भाजपा नेता और अधिवक्ता अजय अग्रवाल की इस जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमणियन की तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत इससे पहले 30 जुलाई और सात अगस्त को इसी तरह की अलका प्रिया और मुंबई के कानून के छात्र द्विवेंद्र देवतादीन दुबे की जनहित याचिकायें खारिज कर चुकी हैं।
अधिवक्ता अग्रवाल ने अपने अतिरिक्त हलफनामे में दलील दी है कि इस मामले में मुंबई पुलिस की शुरुआती जांच में कई खामियां हैं। इनकी खामियों की जांच भी जरूरी है। यह देखना चाहिए कि ये खामियां जानबूझकर की गई हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे जैसे जिम्मेदार नेता ने आरोप लगाया है कि यह सीधे-सीधे हत्या का मामला है। याचिका में कहा गया है कि इस मामले में सभी इलेक्ट्रॉनिक चैनलों पर मीडिया ट्रायल हो रहा है। इस मीडिया ट्रायल पर विराम लगाने के लिए जरूरी है कि सीबीआई से इसकी एकीकृत जांच कराई जाए।