प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सातवीं बार लाल किले के प्राचीर पर तिरंगा फहराएंगे और राष्ट्र को संबोधित करेंगे, जिसके साथ ही वह सबसे अधिक बार ऐसा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री होंगे। मोदी ने पहली बार 2014 में लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था और पिछले वर्ष अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में छठवीं बार तिरंगा फहराकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के पहले प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की बराबरी कर ली थी। वह इस बार श्री वाजपेयी से एक कदम आगे बढ़कर सातवीं बार तिरंगा फहराएंगे।
भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मुखिया रहे अटल बिहारी वाजपेयी 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 के बीच छह बार तिरंगा फहराया था। वाजपेयी हालांकि 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बने थे लेकिन उनकी सरकार ज्यादा दिन नहीं चल पाई थी और उन्हें राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अवसर नहीं मिल पाया था।
देश में आपातकाल को लेकर आम जनता में आक्रोश की लहर ने 1977 के आम चुनाव में तत्कालीन कांग्रेस सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया और केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी। आजादी के बाद यह पहली गैर-कांग्रेसी सरकार थी। मोरारजी देसाई इस सरकार के मुखिया बने। उन्होंने दो बार 1977 और 1978 में लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया था।
इसके बाद 28 जुलाई 1979 को चौधरी चरण सिंह समाजवादी दलों और कांग्रेस (यू) के सहयोग से प्रधानमंत्री बने तथा उसी साल पहली और आखिरी बार तिरंगा फहराया। चरण सिंह के अलावा विश्वनाथ प्रताप सिंह, एच डी. देवेगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल भी ऐसे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे, जिन्हें एक-एक बार तिरंगा फहराने का सौभाग्य हासिल हुआ।
सबसे अधिक 17 बार नेहरू ने फहराया झंडा
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने आजाद भारत में 15 अगस्त 1947 को लाल किले से झंडा फहराया। वह 27 मार्च 1964 तक देश के प्रधानमंत्री रहे और इस दौरान उन्होंने रिकॉर्ड 17 बार 15 अगस्त को झंडा फहराया। इसके बाद इंदिरा गांधी (11) और मनमोहन सिंह (10) का स्थान है।