भाजपा के प्रदेश कार्यालय में मंगलवार को प्रदेश चुनाव समिति की बैठक हो रही है। इसमें सभी 29 संसदीय सीटों पर चर्चा कर संभावित नामों के पैनल तैयार किए जाएंगे। बैठक में प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे और लोकसभा प्रभारी स्वतंत्रदेव सिंह भी मौजूद रहेंगे।
बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए हुई रायशुमारी और सीटों पर हुए सर्वे पर चर्चा की जाएगी। पार्टी ने विभिन्न सीटों के लिए संभावित प्रत्याशियों की सूची तैयार की है। इनके नामों पर विचार किया जाएगा। प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में सदस्यों के समक्ष इसे रखा जाएगा। इस दौरान जीतने वाले मजबूत दावेदारों के नाम तय किए जाएंगे।
पहले भी हुई रायशुमारी : गौरतलब है कि 29 सीटों पर रायशुमारी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने की है। सीटवार फीडबैक और रिपोर्ट को चुनाव समिति के सदस्यों के समक्ष रखा जाएगा।
चुनाव समिति को भेजे जाएंगे नाम : दिनभर चलने वाली इस बैठक में जो नाम सामने आएंगे उन पर विचार करने के बाद उन्हें केंद्रीय चुनाव समिति को भेज दिया जाएगा। प्रदेश के करीब दस लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी नए चेहरों को मौका दे सकती है। वहीं, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम ग्वालियर की जगह एक बार फिर से मुरैना से भेजा जा सकता है। शिवपुरी से प्रभात झा को मैदान में उतारा जा सकता है। अंतिम फैसला दिल्ली में ही होगा। पैनल में मौजूदा सांसदों के नाम भी शामिल किए जाएंगे। किसे दोबारा टिकट देना है किसे नहीं, ये सर्वे के आधार पर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में तय होगा।
भोपाल, इंदौर और विदिशा अटकेंगे : पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस बार भोपाल, इंदौर और विदिशा सीट के लिए प्रत्याशियों की घोषणा में समय लग सकता है। इसकी वजह भी है। पार्टी इन सीटों पर 30 से 35 साल से लगातार जीतती आ रही है। कांग्रेस की मंशा इन तीन सीटों पर मजबूत उम्मीदवार उतारने की है। मुख्यमंत्री कमलनाथ इस बात के संकेत दे चुके हैं। कांग्रेस की इस रणनीति को देख भाजपा इन तीन सीटों पर अपने उन्मीदवार एनवक्त पर घोषित कर सकती है।