चुनाव से पहले इन पार्टियों ने मानी हार, कहा- अकेले लड़े तो बन जायेगी बीजेपी की सरकार

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कांग्रेस के बड़े नेता पीसी चाको ने एक बड़ा बयान दिया है। चाको के बयान के मुताबिक कांग्रेस को दिल्ली में एएपी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ना चाहिए। चाको ने कहा है कि अगर कांग्रेस का यह गठबंधन हो जाता है तो बीजेपी को सत्ता में आने से रोका जा सकता है। हालांकि, एएपी से गठबंधन कोलेकर कांग्रेस नेताओं में अलग-अलग मत हैं। शीला दीक्षित एएपी से गठबंधन की धुर विरोधी हैं तो वहीं माकन एएपी के साथ गठबंधन के प्रबल समर्थक रहे हैं। इसी बात को लेकर सोनिया गांधी के सामने दोनों नेताओं तीखी बहस भी हो चुकी है। हालांकि, अंत में राहुल गांधी ने भी शीला दीक्षित के तर्कों को तरजीह देते हुए एएपी से गठबंधन को सरेाआम नकार दिया था। हालांकि, एएपी के संयोजक और दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी के व्यवहार पर घोर निराशा जाहिर की थी।

पीसी चाको के इस बयान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि माकन का खेमा अब दिल्ली कांग्रेस में मजबूत हुआ है और दिल्ली में गठबंधन पर संभवतः कुछ बात फिर बनती नजर आ रही है।अगर ऐसा होता है तो दिल्ली ही नहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में भी बड़ा बदलाव आ सकता है। हालांकि, पीसी चाको ने अभी यह कहा है कि गठबंधन पर एक दो दिन में स्थिति साफ हो जायेगी।इसका मतलब यह भी है कि अभी कांग्रेस में कशमकश जारी है। ऐसा भी माना जा रहा है कि दिल्ली में गठबंधन के बाद एएपी और कांग्रेस का हरियाणा में भी गठबंधन का रास्ता साफ हो जायेगा। दिल्ली में राहुल गांधी से दुत्कार दिये जाने के बावजूद अरविंद केजरीवाल हरियाणा में मिलजुल कर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव कांग्रेस के सामने पहले ही रख चुके हैं।

गठबंधन करके चुनाव लड़ने की एएपी और कांग्रेस की कवायद को देख कर यह तो स्पष्ट हो गया है कि दोनों पार्टी यह मान चुकी हैं कि मौजूदा हालातों में दोनों अलग-अलग चुनाव मैदान में बीजेपी से काफी कमतर स्थिति में हैं।

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