भारत-चीन के बीच सीमा पर चल रहे तनाव के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने चीन के खिलाफ आर्थिक स्तर पर कई कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। चीन की 59 एप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद बुधवार को केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी बड़ा ऐलान किया। गडकरी ने कहा कि भारत में अब चीनी कंपनियों को राजमार्ग परियोजनाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी और इस फैसले के तहत संयुक्त उद्यम के माध्यम से शामिल कंपनियां भी हिस्सा नहीं ले पाएंगी।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आज एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा कि अगर कोई चाइनीज कंपनी जॉइंट वेंचर के रास्ते भी राजमार्ग परियोजना में एंट्री की कोशिश करेगी तो उसे भी रोक दिया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग ( एमएसएमई) सेक्टर में भी चाइनीज इन्वेस्टर्स को एंटरटेन नहीं किया जाए।
471 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट कैंसल किया था
गलवान घाटी की घटना के बाद #BoycottChina अभियान के तहत सबसे पहले इंडियन रेलवे ने बड़ा फैसला किया था। उसने चाइनीज कंपनी को मिले 471 करोड़ का अनुबंध निरस्त कर दिया था। रेलवे ने चीन की कंपनी बीजिंग नैशनल रेलवे रिसर्च ऐंड डिजाइन इंस्टिट्यूट ऑफ सिग्नल ऐंड कम्युनिकेशन लिमिटेड को दिए गए एक ठेके को कैंसल कर दिया था। यह घटना 18 जून की है। गलवान घाटी में 16 जून को हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।