90 दिन बाद इंदौर में गूंजेगी शहनाई, कलेक्टर ने दी सशर्त परमिशन

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इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में सख्त लॉकडाउन के चलते पिछले 90 दिनों से सभी तरह के समारोह बंद थे. शादियां भी 50 मेहमानों के साथ साधारण तरीके से करने के निर्देश दिए गए थे. यही कारण था कि बैंड बजाने वालों के पास कोई काम नहीं रह गया था, लेकिन अनलॉक 1.0 में जैसे-जैसे बाजार, व्यापारिक प्रतिष्ठान,सरकारी-निजी दफ्तर खुलते गए और तो और सैलून तक खुल गए. ऐसे में बैंड बजाने वाले भी चुप नहीं बैठने वाले थे. उन्होने सांसद शंकर लालवानी से शादियों में बैंड बजाने की अनुमति दिलाने की मांग की. सांसद बैंड वालों को लेकर कलेक्टर मनीष सिंह के पास पहुंच गए. कलेक्टर ने उन्हें निर्धारित शर्तों और एसओपी का पालन करने की हिदायत देते हुए सोशल डिस्टेंसिंग में बैंड बजाने की अनुमित दे दी.

10 दिन ही बचा शादियों का सीजन
शादी विवाह के सीजन में महीनों पहले से बैंड पार्टियों की बुकिंग हो जाती है, लेकिन लॉकडाउन के चलते कई लोगों ने बिना बैंड बाजे के ही शादी कर ली. इससे बैंड बालों की दिक्कतें बढ़ गई. इनके पास कोई दूसरा व्यवसाय न होने पर परिवार के भरण-पोषण करने के भी लाले पड़ गए. ऐसे में इन्हें लॉकडाउन खुलने की आस थी, लेकिन लॉकडाउन खुलने के 20 दिनों से ये प्रशासन के चक्कर काट रहे थे तब जाकर अब इन्हें परमीशन मिली है. बैंड बजाने वालों का कहना है कि पिछले तीन महिने से शादी विवाह का सीजन चल रहा है. अब सिर्फ 10 दिन ही शादी के सीजन के बचे है. ऐसे में वो बची हुईं शादियों में बैंड बजाकर कुछ दिनों की रोजी-रोटी की व्यवस्था तो कर लेंगे, लेकिन साल भर घर कैसे चलेगा इसकी चिंता सता रही है. पिछले करीब 90 दिनों से लॉकडाउन के चलते उनकी आर्थिक स्थिति बेपटरी हो गई है. बैंड बजाने वाले सैकड़ों कलाकारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

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