लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कांग्रेस के दो विधायकों अदिति सिंह और राकेश सिंह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह आदेश जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने दिए। मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी। दरअसल, कांग्रेस की विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने दो अलग-अलग याचिकाएं दायर कर अदालत से मांग की है कि वह विधानसभा अध्यक्ष को निर्देशित करें कि याची की अर्जियों को शीघ्र निस्तारित करें।
मामले में याची अराधना मिश्रा के वकील केसी कौशिक का तर्क था कि अदिति और राकेश 2017 में कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। बाद में उन्होंने पार्टी विरेाधी गतिविधियां शुरू कर दीं। इसके बाद उनकी विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने के लिए स्पीकर के सामने अर्जी दी गई और कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले की नजीर है कि सदस्यता समाप्त करने वाली अर्जियां तीन सप्ताह के भीतर निस्तारित कर दी जाएं। लेकिन, इस मामले में तीन माह बाद भी स्पीकर ने अर्जी निस्तारित नहीं की। याचिका में मांग की गई है कि स्पीकर को आदेश दिया जाए कि याची की अर्जियां शीघ्र निस्तारित करें।
दोनों विधायकों का रुख कांग्रेस के खिलाफ
रायबरेली सदर की कांग्रेस विधायक अदिति सिंह के सुर अपने दल के खिलाफ हो गए हैं। अदिति रायबरेली के पूर्व विधायक अखिलेश सिंह की पुत्री हैं। वे वर्ष 2017 में चुनाव लड़ी थीं। अब निगाहें अदिति सिंह के अगले कदम पर टिकी हैं। उम्मीद यही है वह भाजपा का दामन थामेंगी। वहीं, रायबरेली की ही हरचंदपुर सीट से कांग्रेस विधायक राकेश सिंह भाजपा में शामिल हो चुके एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के सगे भाई हैं। वह अब तक पर्दे के पीछे से भाजपा का साथ दे रहे थे। लेकिन, अब वह खुलकर भाजपा के समर्थन में आ गए हैं।
सदस्यता समाप्त करने के मामले में अब 14 जुलाई को अगली सुनवाई होगी
कांग्रेस की नेता अराधना मिश्रा की याचिका पर अदालत ने जारी किया नोटिस