भारत-चीन तनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को शाम 5 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है. ये बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी. पीएम सभी पार्ट के प्रतिनिधियों से इस हालात पर चर्चा करेंगे. विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्ष इस वर्चुअल बैठक में हिस्सा लेंगे. बता दें कि भारत-तीन के बीच सैन्य स्तर पर वार्ता रोक दी गई है. सेनाओं को अलर्ट कर दिया गया है. यह समझा जा रहा है कि भारत ने 3500 किलोमीटर की सीमा पर चीन के आक्रामक रवैये से निपटने के लिए दृढ़ रुख जारी रखने का फैसला किया है.
इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने की कोशिश जा रही है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि हम कूटनीतिक और मिलिट्री चैनल के जरिए संवाद कर रहे हैं. इस मामले में सही और गलत बिल्कुल साफ है, ये घटना वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन की तरफ हुई और इसके लिए चीन को दोष नहीं देना चाहिए. चीन के तरफ से हम और अधिक झड़प नहीं देखना चाहते हैं.
कांग्रेस की मांग- सर्वदलीय बैठक बुलाएं प्रधानमंत्री
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चाइनीज पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की टुकड़ियों के साथ हुई हिंसक झड़प में अधिकारियों समेत 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के एक दिन बाद कांग्रेस ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश को संबोधित करने और स्थिति पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की थी. कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेरा ने ट्विटर पर लिखा था, “माननीय प्रधानमंत्री जी कृपया दुखी देश को संबोधित करें. इस राष्ट्रीय सुरक्षा संकट के बीच एक एकीकृत राजनीतिक विचार विकसित करने के लिए कृपया एक सर्वदलीय बैठक बुलाएं.”
एक अन्य कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने भी कहा कि यह चीन की खतरनाक आक्रामकता की प्रतिक्रिया में भारत के भीतर महान व परिपक्व राजनीतिक सहमति का समय है.