भोपाल. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बुधवार को भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने क्राइम ब्रांच थाने पहुंचे. मामला एक साल पुराना और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वीडियो का है. दिग्विजय सिंह का कहना है वीडियो में छेड़छाड़ कर उसे वायरल किया गया था. दिग्विजय सिंह ने कहा जैसे मेरे खिलाफ FIR दर्ज की गई है, वैसे ही शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ भी केस दर्ज किया जाए. उन्होंने कहा अगर FIR दर्ज नहीं की गयी तो आगे अदालत का विकल्प खुला है.
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘भाजपा की शिकायत पर मुझ पर और मेरे साथ 12 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गयी है. जिस प्रकार उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज हुई, उसी प्रकार मेरी और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की शिकायत पर अब शिवराज के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. दिग्विजय सिंह ने कहा जब तक वीडियो में एडिटिंग किसने की ये न पता चल जाए तब तक कांग्रेस के कार्यकर्ता पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.’
एक साल पुराना वीडियो
दिग्विजय सिंह 1 साल पुराने उस वीडियो का हवाला दे रहे हैं, जिसमें शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी का एक फेक वीडियो शेयर किया था. शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, ‘अरे यह क्या? राहुल जी भाषण में ही सही, समय पर किसान कर्ज माफी न करने पर आखिरकार आपने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बदल ही दिए. क्या बात है, आप ऐसे महान व्यक्ति हैं, जो बड़े काम चुटकी में कर सकते हैं.’
राहुल गांधी के वीडियो से छेड़छाड़
शिवराज सिंह चौहान ने जो वीडियो को शेयर किया था, वह राहुल गांधी के एक लंबे वीडियो का छोटा सा हिस्सा था. इसे एडिट करके इस तरह से पेश किया गया, ताकि सुनने में ऐसा लगे कि राहुल गांधी मुख्यमंत्री का नाम भूल गए हैं. असल में राहुल गांधी ने कमलनाथ का नाम लिया था, लेकिन उसमें छेड़छाड़ कर ऐसा एडिट किया गया था कि वो भूपेश बघेल को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बोलते सुनायी दे रहे थे. शिवराज सिंह चौहान के वीडियो शेयर करते ही उसे चंद मिनटों में हजारों बार रिट्वीट किया गया था. इतना ही नहीं बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत कई बड़े लोगों ने इसे शेयर कर कई बातें लिखी थीं. इस बात का मजाक बनाया गया था कि राहुल गांधी को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम ही नहीं पता है.
अब याद आयी!
उसी वीडियो और शिवराज सिंह चौहान के ट्वीट को लेकर दिग्विजय सिंह थाने में एफ आई आर दर्ज कराने पहुंचे. इस पर बीजेपी का कहना है कि 1 साल बाद इस मामले की याद आयी. दिग्विजय के आरोपों में कितनी सच्चाई है इसकी पड़ताल पुलिस करेगी.
ये है मसला
मध्य प्रदेश में 19 जून को होने वाले राज्यसभा के चुनाव से पहले प्रदेश का सियासी पारा तप रहा है. भोपाल क्राइम ब्रांच ने फेक वीडियो के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है. दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट में शेयर किया था. बीजेपी ने कहा ये फेक है और उसके नेताओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी. हालांकि, बवाल मचने के बाद दिग्विजय सिंह ने अपने टि्वटर अकाउंट से वीडियो हटा लिया, लेकिन इस पूरे मामले पर दिग्विजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर अब पूरा मामला सियासी हो गया है.
कमलनाथ ने की थी निंदा
दिग्विजय सिंह के खिलाफ हुई कार्रवाई पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ में ट्वीट कर दर्ज प्रकरण की निंदा की थी. कमलनाथ ने कहा था भाजपा सरकार में प्रदेश में लगातार कांग्रेस के नेताओं पर कार्रवाई कर विद्वेष और दुर्भावना वाली सोच को प्रदर्शित किया जा रहा है. सरकार आती जाती रहती हैं, लेकिन भाजपा प्रदेश में गलत परंपरा को जन्म दे रही है. भाजपा से जुड़े लोग कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ डर्टी पॉलिटिक्स कर उनकी छवि बिगाड़ने का काम कर रहे हैं. दिग्विजय सिंह के ट्विटर हैंडल पर हुई पोस्ट पर कमलनाथ ने कहा वह एक वायरल वीडियो था. यदि कोई वीडियो एडिटेड है तो कार्रवाई एडिटेड वीडियो बनाने वाले के खिलाफ होने चाहिए, लेकिन दिग्विजय सिंह पर कार्रवाई समझ के परे है.
बचाव में आया था बेटा
दिग्विजय सिंह के बचाव में उनके बेटे जयवर्धन सिंह भी सामने आए थे. जयवर्धन सिंह ने ट्वीट कर कहा था शराब नीति को चरितार्थ करता वीडियो क्या आया, अफवाह फैलाने वालों की सांसें फूल गईं. क्या कहा, क्या नहीं कहा, इससे क्या फर्क पड़ता है जो शिक्षक और महिला अधिकारियों से शराब बिकवा रहे हैं उसकी सोच वीडियो में दिए गए बयान वाली ही होगी.
दिग्विजय का जवाबी हमला
खुद दिग्विजय सिंह ने पूरे मामले पर ट्वीट कर कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज के विधानसभा क्षेत्र में चिटफंड कंपनी द्वारा आदिवासियों के साथ धोखाधड़ी का मामला उठाने पर बदले की भावना से उन पर एफआईआर दर्ज कराई गई है.