-पेट्रोल, डीजल और शराब होंगे महंगे
-मंडी टैक्स भी बढ़ाने की तैयारी
भोपाल। मप्र सरकार को कोरोना लॉकडाउन के चलते लगभग 12 हजार करोड़ का राजस्व नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई के लिए शिवराज सरकार अब रास्ते तलाश रही है। एक ओर उपचुनाव सिर पर हैं दूसरी ओर सरकार को खजाने की चिंता सता रही है। खबर है कि आम लोगों की जेब से खजाना भरने की तैयारी चल रही है। सरकार ने पेट्रोल पर 2 रुपये और डीजल पर 3 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त कर लगाने की तैयारी की है। शराब पर टैक्स को लगभग दुगना करने की तैयारी है। इसके अलावा मंडी टैक्स, विद्युत उपकर, सिंचाई उपकर भी बढ़ाया जा सकता है।
पिछले 70 दिन में सरकार को टैक्स के रूप में मिलने वाली राशि का लगभग 12 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरपाई के लिए शिवराज सरकार ने अधिकारियों को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हंै। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर रहे हैं कि कोरोना ने प्रदेश को आर्थिक बेहाली तक पहुंचा दिया है। शिवराज सरकार आने के बाद पिछले 2 माह में सरकार को तीन बार में 2 हजार करोड़ का कर्ज लेना पड़ा है। यह भी सही है कि इस दौरान केंद्र सरकार से 13 हजार 776 करोड़ की राशि मिल गई है। इनमें 9 हजार 147 करोड़ केंद्रीय करों में हिस्से के रूप में मिली है।
12 हजार करोड़ का नुकसान
राज्य सरकार को प्रतिवर्ष अलग-अलग टैक्स के रूप में लगभग 65 हजार करोड़ की आय होती थी, लेकिन कोरोना के कारण पिछले 2 महीने में 12 हजार करोड़ की आय कम हुई है। इनमें जीएसटी, पेट्रोल डीजल, आबकारी, खनिज, परिवहन, सिंचाई, पंजीयन और ऊर्जा आदि से होने वाली आय शामिल है।
आय बढ़ाने के उपाय
बताया जाता है कि अलग-अलग विभागों ने सरकार का खजाना भरने के लिए टैक्स बढ़ाने के सुझाव दिए हैं। पेट्रोल पर अभी 28 प्रतिशत जीएसटी, 1 प्रतिशत सेस और साढ़े तीन रुपए अतिरिक्त चार्ज वसूला जाता है। अब इसमें अतिरिक्त चार्ज को साढ़े 5 रुपये करने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार डीजल पर 18 प्रतिशत वेट, एक प्रतिशत सेस और 2 रुपए अतिरिक्त चार्ज लिया जाता है। इसे बढ़ाकर 5 रुपये करने का प्रस्ताव है। प्रदेश में मंडी शुल्क 1.5 प्रतिशत है। इसे 2 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। केवल मंडी टैक्स से 500 करोड़ रुपये की आय की संभावना है। बताया जाता है कि शराब को लेकर सरकार अभी गंभीर है। अभी शराब से जो आय हो रही है उसे दुगना करने की योजना है। यानि शराब पर सरकारी टैक्स लगभग दुगना हो जाएगा। इसी प्रकार बिजली और सिंचाई पर लगने वाला उपकर भी बढ़ाने का प्रस्ताव है। प्रदेश के बांधों से किसानों को दिए जाने वाले पानी से सरकार को 50 से 80 करोड़ की आय होती है। इसे भी लगभग दोगुना करने की योजना है।