पीएनबी घोटाले के आरोपी और फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी का अलीबाग स्थित बंगला शुक्रवार को ढहा दिया गया। इसमें 30 किलो डायनामाइट का इस्तेमाल किया गया। समुद्र तट के पास बने इस बंगले की कीमत करीब 100 करोड़ रुपए थी। इसे तोड़ने का काम 25 जनवरी से शुरू हुआ था, लेकिन काफी मजबूत होने की वजह से इसे डायनामाइट से ढहाने का फैसला किया गया।
प्रशासन के मुताबिक, यह बंगला अवैध तरीके और तटीय मानदंडों का उल्लंघन करके बनाया गया था। नीरव को 2011 में 376 वर्ग मीटर में बंगला बनाने की इजाजत मिली थी। लेकिन उसने नियम तोड़ते हुए 1081 वर्ग मीटर में निर्माण करवाया। कई बेडरूम और हॉल वाले इस बंगले में फर्स्ट फ्लोर पर 1000 वर्ग फीट का स्वीमिंग पूल भी है। नीरव ने इस बंगले के बाहर अवैध तरीके से एक गार्डन भी बनवाया था।
रिमोट के जरिए किया गया धमाका
गुरुवार को बंगले के पिलरों में छेद कर डायनामाइट लगाने का काम पूरा कर लिया गया। इन्हें एक रिमोट के सहारे जोड़ा गया था। एक बटन दबाते ही यह बंगाला जमीन पर आ गया।
प्रवर्तन निदेशालय ने बंगला ढहाने के खिलाफ दायर की थी याचिका
इस बंगले को ढहाने के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। ईडी का कहना था कि यह पीएनबी घोटाले के मामले में जब्त संपत्तियों में है। हालांकि, बाद में जांच एजेंसी ने इसे स्थानीय प्रशासन को सौंप दिया था।
हाईकोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई
एक फरवरी को महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि नीरव के अलीबाग स्थित अवैध बंगले को गिराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हाईकोर्ट ने अलीबाग में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी किया था।
पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी है नीरव
नीरव पर मेहुल चौकसी के साथ मिलकर 13 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। दोनों आरोपी देश छोड़कर भाग गए हैं। इस मामले में जांच का जिम्मा सीबीआई और ईडी को सौंपा गया है।