इजरायल ने भारत को विशेष रूप से आतंकवाद से अपना बचाव करने के लिए बिना शर्त मदद की पेशकश करते हुए जोर दिया है कि उसकी सहायता की “कोई सीमा नहीं है.” इजराइल का यह आश्वासन इस बढ़ती मांग की पृष्ठभूमि में खासा महत्वपूर्ण है कि सरकार आतंकी हमलों से निपटने की इजराइली पद्धति पर विचार करे. भारत में इजराइल के नवनियुक्त राजदूत डॉ रॉन मलका की टिप्पणी एक सवाल के जवाब में आयी कि उनका देश आतंकवाद से पीड़ित भारत की किस सीमा तक मदद कर सकता है. पिछले गुरुवार को जम्मू कश्मीर में एक भीषण आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
इस आतंकवादी हमले को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था. इस आतंकवादी हमले के बाद यह मांग जोर पकड़ रही है कि सरकार को आतंकवाद के खिलाफ अभियान के लिए इजराइल द्वारा अपनाए जाने वाले तरीकों पर गौर करना चाहिए. उल्लेखनीय है कि इजराइली सेना अपनी सटीक और त्वरित कार्रवाई के लिए दुनिया में मशहूर है.
मलका ने पिछले हफ्ते के शुरू में एक साक्षात्कार में कहा, ”भारत को अपनी रक्षा के लिए जो आवश्यकता है, उसकी कोई सीमा नहीं है. हम अपने करीबी मित्र भारत को विशेष तौर पर आतंकवाद के खिलाफ बचाव करने में मदद करने के लिए तैयार हैं क्योंकि आतंकवाद विश्व की समस्या है, न कि सिर्फ भारत और इजराइल की.”उन्होंने जोर दिया कि दुनिया को सहयोग कर आतंकवाद से लड़ना चाहिए और इसे खत्म करना चाहिए. उन्होंने कहा, “इसलिए, हम भारत की मदद करते हैं, अपनी जानकारी साझा करते हैं, अपनी तकनीक साझा करते हैं क्योंकि हम वास्तव में अपने महत्वपूर्ण मित्र की मदद करना चाहते हैं.” मलका (52) पहले इजराइल की सैन्य सेवा में थे.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उन्हें बताया कि भारत एक “महत्वपूर्ण साथी, बहुत महत्वपूर्ण दोस्त है तथा वह संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए सहयोग करना चाहते हैं..अपनी जानकारी साझा करने के लिए.” राजदूत ने कहा कि उनके देश का पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंध नहीं हैं और इसलिए उनके साथ किसी गतिविधि में द्विपक्षीय बातचीत नहीं होती.
उन्होंने कहा कि भारत को मजबूत करके, इजराइल वैश्विक स्थिरता में योगदान दे रहा है क्योंकि वैश्विक स्थिरता में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है. “हम सिर्फ विश्व को जीने के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं.” पुलवामा हमले के बाद मलका ने भी ट्वीट किया था कि इजराइल पुलवामा में आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता है और इस मुश्किल घड़ी में अपने भारतीय दोस्तों के साथ खड़ा है.
वह सीआरपीएफ जवानों के परिवारों, भारत के लोगों और भारत सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है. भारत लगातार कहता रहा है कि पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई शामिल थी. पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी के हमले की जिम्मेदारी ली है. यह संगठन संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित है.