जम्मू -कश्मीर के विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 सीटों के लिए अधिसूचना आज जारी होगी। इस चरण में 5 सितंबर तक नामांकन होंगे। 6 सितंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 9 सितंबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। इस चरण के लिए 25 सितंबर को मतदान होगा।
चुनाव के लिए तैयारियां जोरों से चल रही हैं। दूसरे चरण के विधानसभा क्षेत्रों में गांदरबल (कंगन व गांदरबल), श्रीनगर (हजरतबल, खन्यार, हब्बाकदल, लाल चौक, छान पोरा, जदिवल, ईदगाह, शालटेंग), बडगाम (खानसाहिब, चरार-ए-शरीफ, बड़गाम, वीरवार व चाडूरा), पुंछ (सुरनकोट, पुंछ हवेली व मेंढर), रियासी (गुलाबगढ़, माता वैष्णो देवी व रियासी), राजोरी (नौशेरा, राजोरी, बुद्धल, थन्नामंडी व सुंदरबनी) हैं।
पांच नए जिले बनने से लद्दाख में घर तक पहुंचेंगी सुविधाएं
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पांच नए जिलों के गठन की सैद्धांतिक स्वीकृति से लोगों में सुशासन तथा घर तक सुविधाएं पहुंचने की आस जगी है। इस बीच मंगलवार को लद्दाख के उप राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डॉ. बीडी मिश्र ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पांच नए जिलों के सृजन से लद्दाख के विकास और पूरे क्षेत्र की समृद्धि में योगदान मिलेगा। यह कदम सुशासन तथा क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगा।
मुख्य कार्यकारी पार्षद ताशी ग्यालसन ने फैसले का स्वागत किया है। लद्दाख के पूर्व सांसद और भाजपा नेता जामयांग सेरिंग नामग्याल ने कहा है कि नए जिले बनाने को लेकर लंबे समय से मांग उठ रही थी। मैं पीएम मोदी का धन्यवाद करना चाहता हूं। यह एक ऐतिहासिक फैसला है। मैंने अपने कार्यकाल में भी लोकसभा में ये मुद्दा छेड़ा था। पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने कहा कि फैसला स्वागतयोग्य है, लेकिन यह देखना होगा कि यह केवल प्रशासनिक जिले होंगे या फिर लोकतांत्रिक अधिकार भी मिलेंगे। यदि जिलों में स्वायत्तशासी परिषद होंगे तो यहां की जनता को फायदा पहुंचेगा।
तीन महीने में मंत्रालय को जिला निर्माण की रिपोर्ट सौंपने को कहा
गृह मंत्रालय ने लद्दाख प्रशासन को नए जिलों के गठन से संबंधित विभिन्न पहलुओं-मुख्यालय, सीमाएं, संरचना, पदों के सृजन, जिला निर्माण से संबंधित अन्य पहलू के आंकलन के लिए समिति बनाने को कहा है। साथ ही उसे तीन महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। मंत्रालय ने कहा कि उक्त समिति की रिपोर्ट प्राप्ति के बाद संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख इस रिपोर्ट के आधार पर नए जिलों के निर्माण के संबंध में अंतिम प्रस्ताव गृह मंत्रालय को आगे की कार्यवाही के लिए भेजेगा।
एलएबी व केडीए ने कहा, आंदोलन जारी रहेगा
छठी अनुसूची की मांग को लेकर आंदोलनरत लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए), पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन उनका कहना है कि छठी अनुसूची समेत चार मांगों को लेकर उनका आंदोलन जारी रहेगा। लेह से दिल्ली तक की पदयात्रा एक सितंबर से शुरू होगी।