कांग्रेस में आए दिन आपसी कलह की खबरें आ रही हैं. बीते दिनों पीसीसी चीफ जीतू पटवारी पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के उद्योग और व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अजय चोरड़िया ने गंभीर आरोप लगाए थे. वहीं अब मध्य प्रदेश कांग्रेस की एक महिला पदाधिकारी ने भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला पदाधिकारी ने एक वीडियो में आरोप लगाया कि मंगलवार को हुई पार्टी बैठक के दौरान अलका लांबा ने उन्हें जूते मारकर बाहर निकालने की धमकी दी. उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
अलका लांबा ने नहीं दिया जवाब
महिला पदाधिकारी ने लांबा पर आरोप लगाया कि धमकी देने के बाद उन्होंने उसे पार्टी से निकाले जाने की बात भी कही. जब मीडिया ने अलका लांबा से इम मामले पर प्रतिक्रिया मांगी तो वह कार में बैठकर कार्यक्रम स्थल से रवाना हो गईं और फोन कॉल का भी जवाब नहीं दिया.
वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल ने भोपाल में हुई बैठक के दौरान ऐसी किसी भी घटना होने से इनकार किया है. लांबा, महिला कांग्रेस की कार्यकारी समिति और जिला अध्यक्षों की बैठक में भाग लेने के लिए भोपाल पहुंची थीं.
सिंगरौली की पूर्व जिला पंचायत ने लगाया आरोप
सिंगरौली जिले की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मधु शर्मा ने दावा किया, “जब मैंने उनसे (अलका लांबा) पूछा कि पिछले 40 वर्ष में हमने विभिन्न पदों पर काम किया है तो पार्टी महासचिवों की सूची से हमारा नाम क्यों गायब है, उन्होंने (लांबा) कहा ‘जूते से मारूंगी, बाहर निकल जाओ’.” मधु शर्मा ने कहा कि लांबा ने मुझसे यह भी कहा कि मुझे पार्टी से निकाल दिया गया है. मधु ने कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से कहा, “मैं अब सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के पास जाऊंगी.”
राहुल भैया ने मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
वहीं इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष और विधायक अजय सिंह राहुल भैया ने इस घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया और मामले की जांच की मांग की. इससे पहले दिन में पीटीआई-भाषा से बात करते हुए लांबा ने कहा, ”महिलाओं को महंगाई के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें मोदी जी के वादे के अनुरूप 450 रुपये में एलपीजी सिलेंडर नहीं मिल रहा है. बलात्कार और दहेज हत्या जैसे महिलाओं के खिलाफ अपराध समाचार पत्रों की सुर्खियां बने हैं. महिला आरक्षण विधेयक पारित होने पर इसे लागू करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाया जाएगा.”