आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी का कार्यालय शनिवार सुबह विजयवाड़ा के ताड़ेपल्ली जिले में ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्यालय के ध्वस्त होने के तुरंत बाद वाईएसआरसीपी ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगु देशम पार्टी पर “प्रतिशोध की राजनीति” का आरोप लगाया।वाईएसआरसीपी ने आरोप लगाया कि पार्टी ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एपीसीआरडीए) की प्रारंभिक कार्रवाई को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, फिर भी कार्यालय ध्वस्त किया गया। न्यायालय ने सभी ध्वस्तीकरण गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश दिया था।
रेड्डी ने एक एक्स पोस्ट में कहा, “आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू ने अपने दमनकांड को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया। एक तानाशाह ने ताड़ेपल्ली में लगभग बनकर तैयार हो चुके वाईएसआरसी पार्टी के केंद्रीय कार्यालय को बुलडोजर से गिरा दिया।” रेड्डी की क्षेत्रीय भाषा में की गई पोस्ट का मोटे तौर पर अनुवाद बताता है, “उच्च न्यायालय के आदेशों की अनदेखी की गई।
राज्य में कानून और न्याय पूरी तरह से गायब हो गए हैं।” चुनाव के बाद हो रही हिंसक घटनाओं से खून-खराबा मचाने वाले चंद्रबाबू ने इस घटना के जरिए यह संदेश दिया है कि इन पांच सालों में सरकार कैसी रहने वाली है। इन धमकियों, हिंसा के इन कृत्यों के आगे वाईएसआरसीपी न झुकेगी, न पीछे हटेगी। रेड्डी ने ट्वीट किया, “हम लोगों की ओर से, लोगों के लिए और लोगों के साथ मिलकर कड़ा संघर्ष करेंगे। मैं देश के सभी लोकतंत्रवादियों से चंद्रबाबू के कुकृत्यों की निंदा करने का अनुरोध करता हूं।”
15 जून को ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) ने तेलंगाना के हैदराबाद में जगन मोहन रेड्डी के लोटस पॉन्ड आवास से सटे फुटपाथ पर कुछ संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया। रेड्डी के पड़ोसी राज्य के मुख्यमंत्री पद से हटने के 10 दिन बाद यह विध्वंस कार्य किया गया। जीएचएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, नगर निगम अधिकारियों ने जगन के आवास पर फुटपाथ पर टाइल लगाने के लिए परिसर की दीवार से सटे ढांचे को हटा दिया। उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि इन संरचनाओं का इस्तेमाल सुरक्षाकर्मी कर रहे थे।