उदयपुर में प्रसिद्ध मेनार बर्ड विलेज (Menar Lake bird park) में 400 से ज्यादा चमगादड़ों की मौत हो गई है। आम के पेड़ों पर बसेरा डाले चमगादड़ एक-एक कर नीचे गिर रहे हैं और तड़पकर मर रहे हैं। वहीं इतनी बड़ी संख्या में चमगादड़ों के मरने से संक्रमण फैलने की आशंका उत्पन्न हो गई। संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और वन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।दरअसल उदयपुर के प्रसिद्ध बर्ड विलेज मेनार में ब्रह्म सागर तालाब की पाल पर स्थित आम के पेड़ों पर चमगादड़ों ने बसेरा डाला हुआ है। आम के पेड़ों पर बसेरा डाले करीब 400 से ज्यादा चमगादड़ों की गिरकर मौत हो चुकी है।चमगादड़ आम के पेड़ से एक के बाद एक नीचे गिर रहे हैं और मर जा रहे हैं। चमगादड़ों के शव सड़ने से संक्रमण फैलने की आशंका भी बनी हुई है।गांव के शांतिलाल मेरावत ने बताया कि मेनार मे कई सालों से आम के पेड़ों पर चमगादड़ रहते आ रहे हैं। 6-7 साल पहले भी इसी तरह की गर्मी हुई थी और हजारों की संख्या में चमगादड़ों की मौत हो गई थी। अभी चमगादड़ों के शवों के सड़ने से काफी दुर्गंध फैल रही है।
तो इसलिए चमगादड़ों की हो रही मौत
क्षेत्रीय वन अधिकारी कैलाश मेनारिया ने बताया कि गर्मियों में जब तापमान 41 डिग्री को पार जाने लगता है और हवाएं ज्यादा गर्म होकर चलती है। इससे पेड़ों पर उलटा लटकर बसेरा डालने वाली चमगादड़ें मरने लगते हैं। यहां के चमगादड़ 2 दर्जन प्रजातियों में से एकलौती ऐसी प्रजाति है जो फल सब्जी खाती है। बड़े आकार और भारी होने के कारण ये खुले में पेड़ों पर ही रहना पसंद करते हैं।