विश्व मलेरिया दिवस हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है. यह दिन इस बात के लिए भी पहचाना जाता है कि मलेरिया के नियंत्रण के लिए किस प्रकार के वैश्विक प्रयास किए जा रहे हैं. मच्छरों के कारण फैलने वाली इस बीमारी में हर साल कई लाख लोग जान गवां देते हैं. ‘प्रोटोजुअन प्लाज्मोडियम’ नामक कीटाणु मादा एनोफिलीज मच्छर के माध्यम से फैलते हैं.
विश्व मलेरिया दिवस उन 8 आधिकारिक वैश्विक सामुदायिक स्वास्थ्य अभियानों में से एक हैं, जिसे ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ की ओर से चिन्हित किया गया है. इनमें से विश्व स्वास्थ्य दिवस, विश्व रक्तदाता दिवस, विश्व टीकाकरण सप्ताह, विश्व तपेदिक दिवस, विश्व तंबाकू निषेध दिवस, विश्व हेपेटाइटिस दिवस और विश्व एड्स दिवस हैं.
विश्व मलेरिया दिवस का इतिहास
विश्व मलेरिया दिवस मनाए जाने की शुरुआत साल 2000 से हुई थी, जब इसे अफ्रीका मलेरिया डे के नाम से जाना जाता था. इसके बाद साल 2008 में इसका नाम बदलकर वर्ल्ड मलेरिया डे रख दिया गया था. यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से आयोजित किए जाने वाली वर्ल्ड हेल्थ असेंबली के 60वें सेशन के दौरान किया गया था.
विश्व मलेरिया दिवस का महत्व
विश्व मलेरिया दिवस मनाने के पीछे का उद्धेश्य लोगों को इस जानलेवा रोग के प्रति जागरूक करना है. ताकि हर साल मलेरिया से होने वाली लाखों मौतों को रोका जा सके.
विश्व मलेरिया दिवस की थीम
वर्ल्ड मलेरिया डे को सेलिब्रेट करने के लिए हर साल एक नई थीम रखी जाती है. इस साल विश्व मलेरिया दिवस की थीम “अधिक न्यायसंगत दुनिया के लिए मलेरिया के खिलाफ लड़ाई को तेज करना ” है. यह विषय इस बात पर जोर देता है कि मलेरिया में कमी लाने की प्रगति रुक गई है. मलेरिया न केवल स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है और लोगों की जान ले रहा है, बल्कि यह असमानता का एक भयानक चक्र भी कायम रखता है.