रायपुर। छत्तीसगढ़ की रायपुर उत्तर विधानसभा में शुक्रवार 17 नवंबर को होने जा रहा मतदान निर्वाचन के इतिहास में एक दुर्लभ अविस्मरणीय और बेहद गौरवपूर्ण उपलब्धि जोड़ जाएगा. आजाद भारत में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि पूरे विधानसभा में निर्वाचन का भार संभालने वाली महिलाएं ही हैं. यहां 201 मतदान केंद्र हैं और सभी संगवारी बूथ हैं. यहां पीठासीन अधिकारी से लेकर मतदान अधिकारी तक सभी महिलाएं ही हैं. इस महती कार्य के लिए प्रत्यक्ष रूप से 804 महिलाओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है और लगभग 200 महिलाएं रिजर्व रखी गई हैं.
इस विधानसभा की आब्जर्वर भी एक महिला आईएएस अधिकारी विमला आर हैं. उनकी लायजनिंग अधिकारी भी महिला ही हैं. अधिकांश बूथों में सुरक्षा की जिम्मेदारी भी महिलाओं के ही जिम्मे हैं. बता दें कि छत्तीसगढ़ में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भी आईएएस आफिसर रीना बाबा साहब कंगाले ही हैं.
कल उत्तर रायपुर विधानसभा के मतदाता जब मतदान केंद्र में प्रवेश करेंगे तो मतदाता पर्ची चेकर करने से लेकर रजिस्टर में हस्ताक्षर कराने से लेकर ऊंगली में स्याही लगाने का काम पूरी तरह महिलाओं के जिम्मे ही होगा. 201 बूथों में इतनी ही महिला पीठासीन अधिकारी होंगी और 603 मतदान अधिकारी होंगी.
उल्लेखनीय यह भी है कि छत्तीसगढ़ के समाज में लैंगिक समानता गहराई से बसी हुई है और प्रदेश का लिंगानुपात इसकी गवाही देता है. रायपुर उत्तर विधानसभा में जहां सभी बूथों पर महिला अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है वहां पर लिंगानुपात 1010 है अर्थात प्रत्येक हजार पुरुष के पीछे 1010 महिलाएं हैं.
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने इस संबंध में बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया शुरू होते ही हमें यह विचार आया कि क्यों न जिले की एक विधानसभा में निर्वाचन का पूरा दायित्व महिलाओं को सौंपा जाए. सभी ने इस विचार को सराहा, फिर हमने इसकी योजना बनाई. आज सुबह जब मतदान दल अपने गंतव्य केंद्रों के लिए रवाना होने पहुंचे तो उनका उत्साह देखकर बहुत खुशी हुई. उन्होंने हमें बताया कि यह ऐतिहासिक अवसर है जब पूरी टीम महिलाओं की है और हम इतने महत्वपूर्ण दायित्व को अकेले ही पूरा करेंगी.
कलेक्टर भुरे ने बताया कि रायपुर दक्षिण विधानसभा में भी आधे बूथों पर महिला अधिकारी ही होंगी. इस तरह रायपुर उत्तर और रायपुर दक्षिण विधानसभा में महिलाओं के हाथों निर्वाचन की महत्वपूर्ण कमान होगी.
इस संबंध में चर्चा करने पर मतदान दल से जुड़ी निशा रामटेके ने बताया कि हम लोगों के लिए यह बहुत सुखद अवसर है. ट्रेनिंग में भी सारी महिलाएं ही थीं और अब हमारा मतदान दल भी महिलाओं का है. हम सब बहुत अच्छे से और समन्वय से यह कार्य पूरा कर सकेंगे.
लीला पटेल ने कहा कि महिलाओं पर भरोसा जताया गया है ये बहुत अच्छी बात है. हो सकता है कि कुछ लोगों को संदेह हो कि पुरुष सहयोगी नहीं होंगे तो महिलाओं को दिक्कत हो सकती है. कल यह साबित हो जाएगा कि महिलाएं भी अकेले ही हर महत्वपूर्ण दायित्व पूरा कर सकती हैं.
उमा वर्मा हायर सेकेंडरी स्कूल खमहारडीह में कार्यरत हैं. अपने अनुभवों के बारे में बताया कि निर्वाचन की जिम्मदारी बहुत अहम जिम्मेदारी होती है और जब हम सफलतापूर्वक इसे पूरा करते हैं तो अपने ऊपर आत्मविश्वास और बढ़ता है. कल सारी महिलाएं अपनी जिम्मेदारी निभाएंगी और उत्तर विधानसभा से एक ऐसा संदेश देश भर की महिलाओं को जाएगा कि वो हर मोर्चे पर पुरुषों की तरह ही सफलतापूर्वक अपना कार्य कर सकती हैं.