केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक नियुक्त किया गया है. उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है.
अमित शाह का भोपाल दौरा
पिछले दिनों मध्य प्रदेश के पेशाब कांड ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं. इसी कांड के बाद अमित शाह ने भोपाल का दौरा किया था. उनके दौरे के दौरान ही नरेंद्र सिंह तोमर की इस नियुक्ति की पटकथा लिख दी गई थी. यही वजह है कि पेशाब कांड में सीएम शिवराज की सारी कोशिशों का कोई असर पार्टी आलाकमान पर नहीं पड़ा.
मध्य प्रदेश बीजेपी में जारी गुटबाजी की पूरी खबर अमित शाह के पास थी. कार्यकर्ताओं की शिकायतें भी आलाकमान तक लगातार पहुंच रही थीं. चुनाव में ये गुटबाजी कोई और गुल खिलाए इससे पहले ही अमित शाह ने यह फैसला ले लिया. उनके दिल्ली पहुंचने के बाद पार्टी ने इसकी घोषणा कर दी है. यह घोषणा उसी दिन की गई है, जब मध्य प्रदेश में चुनाव प्रभारी बनाए गए भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव भोपाल आने वाले हैं. इस घोषणा के बाद इन दोनों नेताओं के फैसले लेने में आसानी होगी.
अमित शाह की दो टूक
अमित शाह ने भोपाल में ली बैठक में बीजेपी के प्रदेश नेताओं में कॉन्फिडेंस की कमी का मुद्दा उठाया था. उन्होंने इसको लेकर प्रदेश के नेताओं को फटकार भी लगाई थी. उन्होंने कह दिया था कि सबको मिलकर चुनाव लड़ना है और समन्वय बनाए रहना जरूरी है. इस बैठक में अमित शाह ने कुछ नेताओं का नाम लेकर चर्चा की थी. हवाई अड्डे पर अमित शाह, नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय की बातचीत के बाद से ही इस नियुक्ति को लेकर कयास लगाए जाने लगे थे.
इस नियुक्ति के बाद एक बात साफ है कि मध्य प्रदेश चुनाव की कमान अब अमित शाह के पास है. ऐसे में शिवराज सिंह चौहान की भूमिका सिमित हो जाएगी. अब प्रदेश में केवल उन्हीं की नहीं चलेगी.मध्य प्रदेश में चुनाव प्रभारी बनाए गए भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव भी सीधे अमित शाह को ही रिपोर्ट करेंगे.