रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में शराबबंदी (Liquor Prohibition) का वायदा कर सत्तासीन होने वाली कांग्रेस (Congress) सरकार में आने के 9 माह बाद अपने वायदे के विपरीत बयान दे रही है. शराबबंदी के सवाल पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Minister Kawasi Lakhma) ने स्पष्ट कहा कि प्रदेश के लोग नहीं चाहते कि शराबबंदी हो. मंत्री लखमा ने कहा कि मुझे 9 माह में शराबबंदी के एक भी आवेदन नहीं मिले हैं. हां लोग शराब (liquor) की दुकान खोलने का आवेदन जरूर देते हैं. मंत्री कवासी लखमा के बयान पर विपक्षीय दल हमलावर है. हालांकि कांग्रेस मंत्री के बयान के बचाव में उतर आई है.
आबकारी मंत्री कवासी लखमा ((Minister Kawasi Lakhma) ने बीते रविवार की शाम को शराब (liquor) की ओवर रेटिंग पर सरकार की सख्ती की जानकारी दी. इसी दौरान शराबबंदी के सवाल पर सीधे शब्दों में कह दिया कि प्रदेश के लोग ही नहीं चाहते कि शराबबंदी हो. मंत्री ने कहा कि वे बीते नौ माह में सबसे ज्यादा दौरा करने वाले मंत्री हैं और आज तक उन्हें शराबबंदी के लिए एक भी आवेदन नहीं मिला है. मंत्री इतने पर ही नहीं रूके.
बीजेपी ने लगाए आरोप
मंत्री कवासी लखमा के बयान पर विपक्षी दल ने इसे जनता से वायदा खिलाफी और जनादेश का अपमान बताया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि मंत्री का ये बयान प्रदेश की उन तमाम नारी शक्ति का अपमान है, जिन्होंने शराबबंदी को लेकर प्रदेश भर में अलग अलग स्थानों पर आंदोलन किया. साथ ही कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र में भी पूर्ण शराबबंदी का वायदा किया था. ऐसे में मंत्री का ये बयान जनता के साथ धोखा है. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि सूबे में चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी का वायदा किया गया है. सरकार उस ओर आगे बढ़ रही है.