इंदौर : किसानों ने सोमवार दोपहर दो घंटे तक जाम लगा दिया। जाम इंदौर की लक्ष्मीबाई अनाज मंडी से कुछ दूरी पर एमआर-5 रिंग रोड पर लगा। गेहूं का सही दाम नहीं मिलने पर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने जाम कर दिया। हालात बिगड़ते देख अधिकारियों ने किसानों को समझाया और इसके बाद दोपहर 2 बजे दोबारा नीलामी शुरू हुई।
यह है मामला
सरकार 2125 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद रही है लेकिन उसका पेमेंट किसानों को कई दिनों के बाद मिल रहा है। कई ऐसे किसान हैं जिन्हें पैसों की तत्काल जरूरत है। इनमें वे किसान हैं जिन्होंने कर्ज ले रखा है या अस्पताल, शादी जैसे जरूरी काम निपटाना हैं। ये किसान सरकार को गेहूं बेचने के बजाय व्यापारियों को दे रहे हैं। व्यापारी इस मौके का फायदा उठा रहे हैं और किसान से तीन सौ रुपए कम में गेहूं खरीद रहे हैं। वे 1700 से 1800 रुपए क्विंटल ही दे रहे हैं। इससे किसान नाराज हैं। पिछले 12 दिन में तीसरी बार किसान अपने हक के पैसे के लिए सड़कों पर उतरे हैं। सोमवार को MR-5 पर जाम लगाया। इससे पहले 28 मार्च और फिर चार अप्रैल को भी किसान सड़कों पर आ चुके हैं।
बारिश और ओला गिरने से भी हुआ नुकसान
किसानों का कहना है कि व्यापारी कम कीमत में गेहूं खरीदकर मुनाफा वसूली कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस माह बारिश और ओला वृष्टि से उन्हें नुकसान हुआ है। गेहूं में चमक नहीं होने से उन्हें खरीदा नहीं जा रहा है। इससे पहले 28 मार्च को भी लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी में हंगामा हुआ था। उस दिन भी किसान बड़ी मात्रा में गेहूं लेकर मंडी पहुंचे थे, लेकिन कम कीमत पर खरीदी को लेकर वे नाराज हो गए। इस बीच अन्य स्थानों से भी किसान मंडी में आ गए और जमकर हंगामा किया था।
दस दिन में भी नहीं मिल रहा पैसा
मंडी आए किसानों ने बताय कि सोसाइटी में समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने पर दिन में भी पेमेंट नहीं आ रहा है। किसान महीनों की मेहनत जब बेचने जाता है तो उसे तुरंत पैसा चाहिए ताकि वह अपने जरूरी काम कर सके पर सरकार तुरंत पैसा देने में असमर्थ हो रही है वहीं व्यापारी इस मौके का फायदा उठा रहे हैं।