हम नागरिकों की स्वतंत्रता के संरक्षक, हम पर करें विश्वास: 2 दिन में दूसरी बार CJI की दो टूक

नई  दिल्ली :देश के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि कानून की उचित प्रक्रिया में नागरिकों का विश्वास और स्वतंत्रता की रक्षा न्यायपालिका में निहित है, जो ”स्वतंत्रताओं की संरक्षक” है। प्रधान न्यायाधीश ने मुंबई में एक व्याख्यान देते हुए इस बात पर बल दिया कि उन उद्देश्यों को निर्भयता से आगे बढ़ाने वाले ‘बार’ के सदस्यों के जीवन के जरिये स्वतंत्रता की ज्योति आज भी प्रकाशमान है।

वाई बी चव्हाण केंद्र में अशोक एच देसाई स्मारक व्याख्यान देते हुए उन्होंने चोरी के एक मामले का हवाला दिया, जिसमें यदि उच्चतम न्यायालय ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो एक व्यक्ति को 18 साल कैद की सजा काटनी पड़ती। उन्होंने कहा कि ”हमारे नागरिकों की स्वतंत्रता के संरक्षक के तौर पर हम पर विश्वास करें।” कार्यक्रम का आयेाजन बंबई बार एसोसिएशन ने किया था।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ”कल एक मामले में, जिसमें बिजली चोरी को लेकर एक आरोपी को सत्र अदालत ने दो साल कैद की सजा सुनाई थी, लेकिन निचली अदालत के न्यायाधीश यह कहना भूल गये थे कि सजाएं एक साथ चलेंगी।” उन्होंने कहा, ”इसलिए, इसका परिणाम यह हुआ कि बिजली के उपकरण चुराने वाले इस व्यक्ति को 18 साल जेल में रहना पड़ता, सिर्फ इसलिए कि निचली अदालत यह निर्देश नहीं दे सकी कि सजाएं एक साथ चलेंगी।”

सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के रहने वाले इकराम नाम के एक व्यक्ति की याचिका का निस्तारण किया था। इकराम को विद्युत अधिनियम से जुड़े नौ आपराधिक मामलों में उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले की एक अदालत ने दोषी करार दिया था। अदालत ने इकराम को प्रत्येक मामले में दो साल के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई थी।

मामले का हवाला देते हुए सीजेआई ने शनिवार को कहा कि उच्च न्यायालय ने कहा था,”माफ कीजिएगा हम कुछ नहीं कर सकते क्योंकि निचली अदालत ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 427 के संदर्भ में ऐसा नहीं किया।”उन्होंने कहा, ”हमें देश के एक सामान्य नागरिक के मामले में कल हस्तक्षेप करना पड़ा। मैं यह कहना चाहता हूं कि हमारे नागरिकों की स्वतंत्रताओं के संरक्षक के तौर पर हम पर विश्वास करिये।”

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि देश में हर अदालत के लिए, चाहे वह जिला अदालत, उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय हो, कोई मामला छोटा या बड़ा नहीं होता क्योंकि हममें कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने और स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए नागरिकों का विश्वास निहित है।”

बता दें कि मुख्य न्यायाधीश की यह टिप्पणियां कानून मंत्री किरेन रिजिजू के गुरुवार को संसद में दिए गए बयान के बाद आई हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को जमानत याचिकाओं और फालतू पीआईएल पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए, बल्कि संवैधानिक मसलों की सुनवाई करनी चाहिए। सीजेआई ने दो दिन के अंदर दूसरी बार ऐसा कहा है कि अदालतों के लिए कोई मामला छोटा या बड़ा नहीं होता।

  • सम्बंधित खबरे

    BR गवई आज लेंगे CJI की शपथ, डिमॉनेटाइजेशन को बताया था सही, सिर्फ 7 महीने होगा कार्यकाल

    सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया को आज 52वें चीफ जस्टिस मिल जाएंगे। जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई आज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पद की शपथ लेंगे। सुबह 10 बजे उनका शपथ…

    जस्टिस य़शवंत वर्मा कैश कांड मामले में नया मोड़, जांच से पहले ही घर से गायब हो गया था कैश

    दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के निवास से बड़ी मात्रा में नकद की बरामदगी के मामले में एक नया तथ्य सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित…

    व्यापार

    सेब के बाद अब ‘तुर्की’ से नहीं आएगा मार्बल, व्यापारियों ने पाकिस्तान को सपोर्ट करने वाले पर लिया एक्शन

    सेब के बाद अब ‘तुर्की’ से नहीं आएगा मार्बल, व्यापारियों ने पाकिस्तान को सपोर्ट करने वाले पर लिया एक्शन

    भारत में स्मार्टफोन शिपमेंट्स में 6% की गिरावट, एपल को हुआ सबसे ज्यादा फायदा

    भारत में स्मार्टफोन शिपमेंट्स में 6% की गिरावट, एपल को हुआ सबसे ज्यादा फायदा

    ये तीन स्टॉक्स बन सकते हैं सोमवार को सुर्खियां, निवेश से पहले जानिए पूरी डिटेल

    ये तीन स्टॉक्स बन सकते हैं सोमवार को सुर्खियां, निवेश से पहले जानिए पूरी डिटेल

    भारत-पाक तनाव के बीच सोना सस्ता या महंगा? जानें बड़े शहरों के भाव

    भारत-पाक तनाव के बीच सोना सस्ता या महंगा? जानें बड़े शहरों के भाव

     शेयर बाजार में लौटी हरियाली; सेंसेक्स 450 अंक उछला, निफ्टी में भी तेजी

     शेयर बाजार में लौटी हरियाली; सेंसेक्स 450 अंक उछला, निफ्टी में भी तेजी

    पाकिस्तान से आयात पर प्रतिबंध लगाने से महंगी हो जाएंगी ये चीजें…

    पाकिस्तान से आयात पर प्रतिबंध लगाने से महंगी हो जाएंगी ये चीजें…
    Translate »
    error: Content is protected !!