रतलाम। मध्यप्रदेश के आम्बा गांव में 18 लोगों ने मुस्लिम धर्म त्याग कर हिंदू धर्म अपनाया. परिवार के मुखिया मोहम्मद शाह अब राम सिंह बन गए हैं. भीमनाथ मंदिर में महा शिवपुराण की पूर्णाहुति पर गुरुवार को स्वामी आनंदगिरी महाराज के सान्निध्य में सभी ने गोबर और गोमूत्र से नहाकर जनेऊ धारण किया. इसके पहले सभी ने शपथ-पत्र तैयार किया. इसमें उन्होंने बिना किसी दबाव के धर्म बदलने की बात लिखी. इस परिवार के मुखिया ने स्वामी आनंदगिरी के पास जाकर धर्म परिवर्तन करने की इच्छा जाहिर की थी.
सनातन धर्म के नारे का किया जयघोष: यह सभी परिवार घुमन्तरू है. जो घूम-घूमकर जड़ी-बूटियां और ताबीज बेचा करते हैं. मोहम्मद शाह (55) ने परिवार और रिश्तेदारों के साथ धर्म परिवर्तन किया. इससे पहले वह स्वामी आनंदगिरी महाराज से मिले और धर्म परिवर्तन करने की बात कही. उन्होंने इसकी मंजूरी दी तो शाह ने न्यायालय में शपथ-पत्र बनवा लिए. स्वामी जी ने भीमनाथ मंदिर के पास बने कुंड में पूरे परिवार को गोबर, गोमूत्र से स्नान कराया. बकायदा पुरुषों का मुंडन किया गया. जनेऊ धारण कर भगवा वस्त्र पहनाकर जयश्री राम, जय महाकाल और सनातन धर्म के जयघोष के नारे भी लगाए. पुरुषों के साथ इन परिवार की महिलाएं और बच्चे भी मौजूद थे.
कभी मस्जिद नहीं गए: यह परिवार बरसो से गांव के बाहर ही रहते थे. इन परिवारों के सदस्यों के नाम मुस्लिम धर्म के अनुरूप थे, लेकिन इन परिवारों का कहना था कि वह कभी मस्जिद नहीं गए. कभी कभी दरगाह जाते थे. धर्मापरिवर्तन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में इन लोगों ने कहा कि वे पहले भटक गए थे, अब सही दिशा मिल गई तो हिन्दू धर्म अपना लिया.
जफर से बने चैतन्य सिंह: इससे पहले एमपी के पशुपतिनाथ मंदिर में 15 दिन पहले ही एक मुस्लिम युवक ने हिंदू धर्म ग्रहण किया था. उसकी शादी मराठी लड़की से हुई थी और उससे वो काफी ज्यादा सनातन धर्म के करीब आया था. जफर शेख नाम के इस शख्स ने कहा थि कि उसने अपनी इच्छा से और हिन्दुत्व की व्याख्या से प्रभावित होकर खुद अपना धर्म परिवर्तन करने का फैसला किया था. हिंदू धर्म अपनाने के बाद जफर शेख अब चैतन्य सिंह राजपूत बन चुके हैं. हिंदू धर्म अपनाने के बाद चैतन्य सिंह बने जफर शेख ने कहा था कि वो बचपन से ही सनातन धर्म से प्रभावित थे. मंदिरों में उनका आना-जाना था और वह नवरात्र पर व्रत भी करते थे. बचपन से हिंदू धर्म का प्रभाव होने के चलते वे तमाम व्रत-त्योहार भी मनाते थे. मुस्लिम से धर्म परिवर्तन कर हिंदू बने चैतन्य सिंह कहते हैं कि सबसे बड़ा धर्म मानवता है. मानवता का धर्म सबको एक सूत्र में बांधता है.