तिरुपति : भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश में रेड सैंडलवुड (लाल चंदन) की तस्करी के मामलों की सुनवाई के लिए दो विशेष अदालतों का उद्घाटन किया. अदालतें तिरुपति में ऑल इंडिया रेडियो कार्यालय के पास TUDA (तिरुपति शहरी विकास प्राधिकरण) परिसर में स्थित हैं. उद्घाटन समारोह में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और अन्य न्यायिक अधिकारियों के अलावा जिले के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.
बाद में, न्यायमूर्ति रमना ने यहां दिग्गज तेलुगु फिल्म अभिनेता से नेता बने पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत एनटी रामाराव की जन्मशती समारोह में भाग लिया. कार्यक्रम का आयोजन आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की एनटीआर शताब्दी उत्सव समिति द्वारा संयुक्त रूप से श्रीवेंकटेश्वर विश्वविद्यालय परिसर में किया गया था. तिरुमला में प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि न्यायमूर्ति रात तिरुमला में रुकेंगे और शुक्रवार को सुबह में प्राचीन मंदिर में पूजा करेंगे.
एनटीआर की जन्मशती पर बोलते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि NTR… इन तीन अक्षरों ने तेलगु राष्ट्रों को अद्भुत शक्ति दी है. उन्होंने कहा कि एनटीआर लोगों की नब्ज पहचानते थे. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मैं तो दुविधा में था कि एनटीआर पर क्या बोलूंगा. उन्होंने अपनी पार्टी जनसेवा के लिए बनाई थी. वे किसी निजी फायदे के लिए काम नहीं कर रहे थे. उन्होंने अपने अथक प्रयास की बदौलत अपनी पार्टी को सत्ता में लाया. चीफ जस्टिस रमना ने कहा कि 1984 में एनटीआर की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. इसके बावजूद उनकी पार्टी को विपक्षी पार्टी का दर्जा नहीं दिया गया था.
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि मैं एनटीआर से काफी जुड़ा था. 1983 में उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी थी. एनटीआर के अनुशासन, विचारों और सिद्धान्तों की तब खूब तारीफें की जाती थीं. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को एनटीआर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए काम करना चाहिए. आखिर में उन्होंने यह भी कहा कि रिटायरमेंट के बाद वह खुद एनटीआर की शख्सियत पर एक किताब लिखेंगे.