सोने और चांदी की कीमतों में मंगलवार को बड़ा उछाला आया। ग्लोबल रेट्स में रिकवरी की वजह से दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने की कीमत 538 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 38,987 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया।मजबूत वैश्विक रुख और स्थानीय ज्वैलर्स की लिवाली के कारण सोने में यह तेजी देखने को मिली है. चांदी की कीमतों में भी इसी तरह का उछाल देखने को मिला. वहीं, चांदी की कीमत 1,080 रुपये बढ़कर 47,960 रुपये प्रति किलो ग्राम हो गया। औद्योगिक इकाइयों और सिक्का कारोबारियों की मांग बढ़ने से चांदी की कीमत में यह उछाल देखने को मिला है।
बाजार सूत्रों के अनुसार स्थानीय आभूषण कारोबारियों की ओर से कमजोर मांग थी अन्यथा वैश्विक बाजारों ने सोने के बाजार में उछाल और अधिक हो सकता था. वैश्विक स्तर की बात करें, तो न्यूयॉर्क में सोना 1,530 डॉलर प्रति औंस पर और चांदी 18.50 डॉलर प्रति औंस पर रही.
सोने में तेजी की वजह
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज) तपन पटेल का कहना है कि अमेरिका और चीन में ट्रेड वार बढ़ने से सोने की कीमतें बढ़ी हैं।अमेरिका ने चीन पर नया टैरिफ लगाया है जो 1 सितंबर से लागू हो गया है. इससे ट्रेड वार्ता पर अनिश्चितता बढ़ गई है। इसका सपोर्ट सोने की कीमतों को मिला. दूसरा कारण, रुपये में डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी है। मंगलवार को भारतीय करेंसी 1 रुपये कमजोर होकर 72.40 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।यह 13 नवंबर 2018 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है।
बेचने वाले ज्यादा सक्रिय
सराफा बाजार स्थित स्वर्ण कारोबारी पारस सोनी ने बताया कि वर्तमान में ग्राहक सोना खरीदने की बजाय बेचने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं। हालांकि सोने की कीमतों में अस्थिरता से कारोबारी पुराने सोने को लेने से भी कतरा रहे हैं। आशीष सोनी ने कहा कि सोने में तेजी से बड़े आभूषणों की बिक्री नाममात्र रह गई है। अब गिफ्ट किए जाने वाले छोटे उत्पाद ही खरीदे जा रहे हैं। सोने के भाव जानने पहुंची कविता पालीवाल ने बताया कि कीमतों में ऐसा उछाल पहले कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि शुक्र है कि वर्तमान में शादी के मुहूर्त नहीं है, अन्यथा शादी की तैयारी करने वाले परिवारों को आर्थिक भार झेलना पड़ता।
बंगाली कारीगर जा रहे गांव
श्रीसोनी ने कहा कि स्वर्ण आभूषणों की बिक्री का ग्राफ लगातार गिरने और अग्रिम ऑर्डर नहीं मिलने से सोने की नक्काशी और बंगाली कारीगर बेरोजगार हो गए हैं। बीकानेर में सोने के आभूषणों की नक्काशी करने वाले बंगाली कारीगर वसीम शेख, विजेन्द्र, पपिया, सैराजू, सुदर्शन, असरफ ने मंदी के चलते अपने गांव की ओर रुख कर लिया है। बुकिंग के आधार पर काम करने वाले स्वर्ण कारीगर राम कुमार, महावीर व मनोज ने बताया कि उन्हें एक माह से कोई खास ऑर्डर नहीं मिला है। उन्होंने इस प्रकार की मंदी पहले कभी नहीं देखी।
वहीं कमजोर जीडीपी में सुस्ती और कमजोर मैन्युफैक्चरिंग आंकड़ों की वजह से शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई. इकोनॉमिक क्राइसिस गहराने और ग्लोबल ट्रेड टेंशन बढ़ने की वजह से निवेशकों घरबाए हैं और सोने में निवेश बढ़ा है।