ग्वालियर। पांच दिवसीय तानसेन समारोह का रविवार को शुभारंभ हो गया है.96वां तानसेन समारोह का शुभारंभ सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया है. इस दौरान कार्यक्रम में केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सीएम शिवराज समेत पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर, भारत सिंह कुशवाह और प्रद्युम्न सिंह तोमर भी मौजूद थे. इस बार शिवराज सरकार ने तानसेन अलंकरण नहीं दिया है, लेकिन कालिदास सम्मान पंडित कार्तिक कुमार मुंबई और पंडित विष्णु नारायण चेन्नई को दिया है
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि महान संगीतज्ञ तानसेन को मेरी श्रद्धांजलि. संगीत भगवान का एक उपहार है. संगीत के इतिहास में ग्वालियर का योगदान युग-युग तक रहा है. ग्वालियर में कहावत है कि यहां का बच्चा रोता भी सुर में है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उस्ताद अहमद अली खान का परिवार भी सिंधिया रियासत में उभरा है. 400 साल पहले महादजी महाराज कृष्ण भजन लिखते थे. मराठा समाज उनके सामने स्थापित हुआ. उन्होंने संगीत के क्षेत्र में काम किया.
15वीं शताब्दी में संगीत को मिली ऊंचाई
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ग्वालियर को 15वीं शताब्दी से संगीत के मामले में हमेशा ऊंचाई मिली है. ग्वालियर किले में तो संगीत की पाठशाला लगती थी. तानसेन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमें गर्व है कि ग्वालियर घराने पर, जो इस परंपरा को जिंदा रखे हुए हैं. यह परंपरा निरंतर जारी रहेगी.
सीएम शिवराज ने कहा कि तानसेन संगीत सम्राट को 2024 में 100 साल पूरे होंगे. तब शताब्दी समारोह धूमधाम से मनाया जाएगा. साथ ही तानसेन समारोह की तरह अब बैजू बावरा समारोह भी आयोजित किया जाएगा. इसके साथ ही कालिदास सम्मान और तानसेन सम्मान की राशि 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की जाएगी. इस पांच दिवसीय तानसेन समारोह में 6 देशों के 48 विश्व विख्यात कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे.