भोपाल। मध्यप्रदेश में तीन चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए पहले और दूसरे चरण का नामांकन शुरू हो गया है. इस बार प्रत्याशियों को नामांकन पत्र के साथ ही एक शपथ पत्र देना होगा, जिसमें कोई बकाया नहीं होने का उल्लेख करना होगा, यानी कि टैक्स भुगतान के साथ-साथ बिजली बिल का भी नो ड्यूज देना जरूरी है, इसके लिए सभी बिजली कंपनियां विशेष काउंटर बना रही हैं, जिस नामांकन पत्र के साथ यह प्रमाणपत्र नहीं होगा, उसे निरस्त कर दिया जाएगा. हालांकि, राज्य निर्वाचन आयोग ने इतनी सहूलियत दी है कि प्रमाण पत्र, नामांकन पत्रों की जांच के समय तक प्रस्तुत किया जा सकता है.
गांव की सरकार बनाने में खर्च होंगे 70 करोड़
पंचायत चुनाव कराने में राज्य निर्वाचन आयोग को 70 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करना होगा, एक ब्लॉक के जनप्रतिनिधि चुनने में राज्य निर्वाचन आयोग को करीब 22 लाख रुपए से ज्यादा खर्च करना होगा. इस चुनाव में 2 करोड़ 2 लाख से अधिक मतदाता हैं. हर वोटर पर राज्य निर्वाचन आयोग करीब 35 रुपए खर्च करेगा, चुनाव के दौरान धार, खरगोन, बालाघाट, सागर, सतना और रीवा जिले में सबसे ज्यादा खर्च आएगा क्योंकि इन जिलों में ही सबसे ज्यादा देहाती इलाके, अतिसंवेदनशील और संवेदनशील मतदान केंद्र हैं.
प्रत्याशियों को बकाया चुकाने का देना होगा प्रमाण
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद ने बताया कि उम्मीदवार जिस पंचायत के लिए नामांकन भर रहा है, उस पंचायत से संबंधित कोई शुल्क बकाया नहीं होने का प्रमाण पत्र देना ही होगा, जोकि निर्वाचन की घोषणा के पूर्व के वित्तीय वर्ष तक का होगा. ग्राम पंचायत के लिए सचिव, जनपद पंचायत के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत और जिला पंचायत के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जिला पंचायत द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, ऐसे उम्मीदवार जिनके नाम पर कोई बिजली कनेक्शन नहीं है, उनके संबंध में विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाएगा कि उनका कोई बकाया नहीं है. (MP Panchayat Chunav 2022)
SC में आज चुनाव वे खिलाफ होगी सुनवाई
पंचायत चुनाव पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका पर 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी, महाराष्ट्र सरकार के OBC आरक्षण बढ़ाए जाने के खिलाफ दायर याचिका के साथ ही मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव में रोटेशन का पालन नहीं करने वाली याचिका की भी सुनवाई होनी है, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद कांग्रेस ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी, कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है. ग्वालियर खंडपीठ का निर्णय आने के बाद कांग्रेस नेता सैयद जाफर और जया ठाकुर ने 7 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, इस याचिका की पैरवी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता वरुण ठाकुर कर रहे हैं.
14 दिसंबर को तय होगा अध्यक्ष पद का आरक्षण
प्रदेश की 52 जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण प्रक्रिया 14 दिसंबर को पूरा किया जाएगा, इस संबंध में पंचायत राज संचालनालय ने कलेक्टर्स को गुरुवार को निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसमें कहा गया है कि अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सभी वर्गों में महिलाओं के लिए आरक्षण लॉटरी निकाल कर होगा. आरक्षण की संपूर्ण कार्यवाही जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) कलियासोत डैम के पास भोपाल में शुरू होगी. पंचायत विभाग ने सभी कलेक्टर्स से कहा है कि आरक्षण प्रक्रिया की सूचना जिला और पंचायत कार्यालयों में चस्पा करें.
तीन चरणों में होंगे एमपी पंचायत चुनाव 2022
तीन चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव में पहला चरण 6 जनवरी, दूसरा 28 फरवरी, तीसरा और अंतिम चरण 16 फरवरी को होगा. पंचायत चुनावों में पंच, सरपंच, जनपद पंचायत और जिला पंचायत के लिए अलग-अलग जगहों और तारीखों पर वोट डाले जाएंगे. चुनाव आयोग ने पहले चरण में 9 जिलों, दूसरे चरण में 7 जिलों और तीसरे चरण में 36 जिलों में चुनाव समपन्न कराए जाने का ऐलान किया है. चुनाव की प्रक्रिया 23 फरवरी तक चलेगी.
- पहला चरण (6 जनवरी)-9 जिले- दतिया, हरदा, नरसिंहपुर, पन्ना, अलीराजपुर, निवाड़ी, इंदौर, ग्वालियर और भोपाल.
- दूसरा चरण- (28 जनवरी) 7 जिले – बुरहानपुर, जबलपुर, सिंगरौली, उमरिया, अनूपपुर, श्योपुर और देवास
- तीसरा चरण ( 16 फरवरी) 36 जिलों में चुनाव समपन्न कराए जाएंगे. जिसमें 3 करोड़ 92 लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. चुनाव कार्य समपन्न कराने के लिए 4 लाख 25 हजार मतदान कर्मियों का उपयोग किया जाएगा. चुनाव के अंतिम परिणाम का प्रकाशन 23 फरवरी को किया जाएगा.
चुनाव से करीब 2 अरब रुपए का राजस्व मिलेगा
सरकार के खजाने में 2 अरब से ज्यादा की राशि जमा होगी. बाजार का मानना है कि लंबे इंतजार के बाद घोषित हुए पंचायत चुनावों में उम्मीदवार प्रचार प्रसार में कोई कोर कसर छोड़ने वाले नहीं हैं. दूसरी तरफ चुनाव में पंच, सरपंच ,जनपद पंचायत और जिला पंचायत सदस्यों के 1 सदस्य के नामांकन शुल्क के तौर पर जमा होने वाली राशि से करीब 22 करोड़ 40 लाख 43 हजार 600 रुपए आएंगे जिससे सरकार के राजस्व में बढोत्तरी होगी. सरकारी नियम के मुताबिक प्रत्येक पद पर औसतन 8 से 10 उम्मीदवार उतरते हैं. इस हिसाब से पंचायत चुनाव में पंच, सरपंच ,जनपद पंचायत और जिला पंचायत सदस्यों उम्मीदवारों द्वारा जमा की जाने वाली कुल राशि 2अरब 24 करोड 04 लाख 36000 के आसपास पहुंचती है. हालांकि अभी इस बात का अभी कोई आकलन नहीं किया गया है कि कितने उम्मीदवार नामांकन दाखिल करते हैं, लेकिन यह तय है कि नामांकन शुल्क के जरिए सरकार के राजस्व में सीधी बढ़ोत्तरी होगी.
कितने पदों के लिए होने हैं चुनाव और उनका शुल्क ?
- पंच- 362754, नामांकन शुल्क पंच ₹400
- सरपंच- 22581 सरपंच ₹2000
- जनपद सदस्य- 6727 जनपद पंचायत सदस्य ₹4000
- जिला पंचायत सदस्य- 859 चुनाव जिला पंचायत सदस्य ₹8000