नई दिल्ली । राजस्थान में अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में पुनर्गठन की कवायद अंतिम दौर में पहुंचने की उम्मीदों के बीच मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार शाम यहां बुलाई गई है। मुख्यमंत्री निवास में यह बैठक शाम 5 बजे होगी। वहीं, गहलोत ने संभावित पुनर्गठन पर चुटकी लेते हुए यहां एक कार्यक्रम में कहा, ”हम सबको इंतजार है लॉटरी खुलने का।” पुनर्गठन को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन व गहलोत के बीच बैठकों का दौर शनिवार को भी जारी रहा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक शाम 5 बजे होगी। सूत्रों के अनुसार यह बैठक मंत्रिमंडल के प्रस्तावित पुनर्गठन से पहले बुलाई गई है और इसमें सभी मंत्रियों के इस्तीफे लिए जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह रविवार को राजभवन में हो सकता है, हालांकि इस बारे में आधिकारिक कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है। वहीं दिन में केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा के उपलक्ष्य में आयोजित ‘किसान विजय दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने प्रस्तावित पुनर्गठन को लेकर चुटकी ली। कार्यकर्ताओं के उत्साहित होकर नारेबाजी करने पर मुख्यमंत्री ने उन्हें शांत कराने का प्रयास करते हुए कहा, ”अरे अभी कई और काम भी हैं। जिस काम के लिए अजय माकन आए हैं वह काम भी करना है इनको।” गहलोत ने मुस्कुराते हुए आगे कहा, ”पता नहीं क्या फैसले होंगे। या तो हाईकमान जानता है या ये जानते हैं। बेसब्री से इंतजार है हम सबको लॉटरी खुलने का। इस बीच प्रस्तावित मंत्रिमंडल पुनर्गठन व राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर माकन व गहलोत में बैठकों का दौर शनिवार को भी जारी रहा। दोनों नेताओं ने शुक्रवार देर रात तक मुख्यमंत्री निवास में मंत्रणा की। शनिवार सुबह फिर माकन मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। वहीं दोपहर में मुख्यमंत्री गहलोत व प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा उस होटल में पहुंचे जहां माकन रुके हुए हैं। सूत्रों के अनुसार पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी माकन से मिलेंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी शुक्रवार रात यहां पहुंचे। उन्होंने ही मीडिया को बताया कि तीन मंत्रियों, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा व शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपने मंत्री पद छोड़ने और पार्टी संगठन के लिए काम करने की पेशकश की है। इस समय राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 21 सदस्य हैं। इन तीन मंत्रियों के इस्तीफे के मद्देनजर यह संख्या 18 पहुंच सकती है। राज्य में विधायकों की संख्या 200 है, उस हिसाब से मंत्रिमंडल में अधिकतम 30 सदस्य हो सकते हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने खुद दो दिन पहले कहा था कि मंत्रिमंडल पुनर्गठन जल्द होगा। राज्य की अशोक गहलोत सरकार अगले महीने अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे करने जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार मंत्रिमंडल पुनर्गठन में सचिन पायलट खेमे के विधायकों के साथ साथ पिछले साल राजनीतिक संकट में सरकार का साथ देने वाले विधायकों की अपेक्षाओं को पूरा करने की चुनौती पार्टी आलाकमान पर रहेगी। इन विधायकों में बसपा से कांग्रेस में आए छह विधायक व दर्जन भर निर्दलीय विधायक भी हैं। संख्या बल के हिसाब से राज्य विधानसभा में इस समय कांग्रेस के 108 व भाजपा के 71 विधायक हैं। इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायक हैं।
विधायक निर्मला सप्रे को सदन में अपने साथ नहीं बैठाएगी कांग्रेस, शीतकालीन सत्र में सदस्यता पर हो सकता है फैसला
भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता को लेकर भले ही अभी कोई फैसला ना हुआ हो, लेकिन कांग्रेस ने यह…