दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोम में 16वें G20 लीडर्स समिट में भाग लेने के लिए इटली रवाना हुए. पीएम मोदी अन्य G20 नेताओं के साथ महामारी, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से वैश्विक आर्थिक और स्वास्थ्य सुधार पर चर्चा में शामिल होंगे.
इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर पीएम मोदी 30-31 अक्टूबर तक रोम में होने वाले 16वें जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. प्रधानमंत्री इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के साथ भी बैठक करेंगे.
उधर, पीएम के रवाना होने से पहले विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने गुरुवार को कहा कि इटली में आसन्न जी-20 शिखर सम्मेलन में कोविड-19 महामारी से मुकाबले सहित भविष्य में पेश आने वाली ऐसी ही चुनौतियों को लेकर ‘ठोस परिणाम’ निकल सकते हैं और वैश्विक स्वास्थ्य ढांचा, आर्थिक सुधार जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी.
विदेश सचिव यह भी कहा कि भारत पेरिस समझौते के तहत निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर है और वह विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन का सामना करने में मदद के लिए वित्तीय संसाधनों एवं प्रौद्योगिकी को उपलब्ध कराने संबंधी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की उम्मीद करता है.
ग्लोसगो में होने वोले सीओपी-26 शिखर सम्मेलन से पहले श्रृंगला ने कहा, ‘हम अपनी एनडीसी (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और उससे भी बेहतर करने की अपनी राह पर हैं.’ श्रृंगला ने संवाददाताओं से कहा कि भारत विकासशील देशों के आम नागरिकों तथा जी-20 में उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की आवाज बना रहेगा. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अक्टूबर से दो नवंबर तक रोम और ग्लासगो की यात्रा पर रहेंगे.
विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री इटली के 29 से 31 अक्टूबर तक जी-20 देशों के समूह के शिखर सम्मेलन में भाग लेने रोम (इटली) में रहेंगे और इसके बाद 26वें कांफ्रेंस आफ पार्टीज (सीओपी-26) में विश्व नेताओं के शिखर बैठक में हिस्सा लेने ब्रिटेन के ग्लासगो जायेंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से मिलेंगे तथा इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो तथा सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान से बातचीत करने के अलावा कई द्विपक्षीय बैठक करेंगे.
जी-20 दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का वैश्विक मंच
गौरतलब है कि जी-20 दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक वैश्विक मंच है. इसके सदस्य देशों में दुनिया की 80 प्रतिशत जीडीपी, 75 प्रतिशत वैश्विक कारोबार शामिल है. इस समूह की आबादी दुनिया की कुल आबादी का 60 प्रतिशत है. इस वर्ष समूह का मुख्य विषय ‘लोग, पृथ्वी और समृद्धि. है. उल्लेखनीय है कि सीओपी-26 बैठक 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक ब्रिटेन एवं इटली की सह अध्यक्षता में हो रही है.