
संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को भारत बंद का ऐलान किया है। हालांकि किसान संगठनों के बीच ही इसको लेकर एकराय नहीं बन पाई है। यही कारण है कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली को छोड़कर अन्य किसी राज्य में व्यापक असर देखने को नहीं मिल रहा है। कांग्रेस ने भारत बंद को समर्थन दिया है, इसलिए कांग्रेसशासित राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, राजस्थान में कुछ असर जरूर है। भारत बंद का आह्वान करने वाले राकेश सिंह टिकैत को तगड़ा झटका उस समय लगा जब तय हुआ कि गाजियाबाद इस भारत बंद का हिस्सा नहीं बनेगा।
जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद में भारत बंद को लेकर एक राय नहीं बन सकी है। सोमवार को यहां सभी दुकानें खुली हैं। गाजियाबाद के व्यापारिक संगठनों ने पहले ही साफ कर दिया था कि वे संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद का हिस्सा नहीं बनेंगे। यह बंद सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा।
मध्य प्रदेश: यहां बंद का असर नहीं है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे शहरों में सुबह से जनजीवन सामान्य है। प्रशासन ने किसी तरह की छुट्टी का ऐलान नहीं किया है। यानी स्कूल, कॉलेज और निजी दफ्तर भी खुले हैं।
राजस्थान-छत्तीसगढ़: कांग्रेस शासित राज्य होने के कारण यहां कुछ असर है। हालांकि अधिकांश हिस्सों में जिदंगी सामान्य है। ट्रैफिक को लेकर भी कोई परेशानी नहीं है।
नई दिल्ली: राजधानी होने के कारण यहां कुछ हिस्सों में बंद का असर है। आम आदमी पार्टी ने भी भारत बंद को समर्थन दिया है। सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खासतौर पर हरियाणा से सटी बॉर्डर पर प्रशासन की नजर है। ट्रैफिक को लेकर परेशानी हो सकती है।
गुजरात: बंद का कोई असर नहीं है। सुबह से जनजीवन सामान्य है।
महाराष्ट्र: माना जा रहा है कि यहां किसान विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। इसको देखते हुए सुरक्षा का इंतजाम किए गए हैं। वैसे मायानगरी मुंबई, पुणे समेत बड़े शहरो में कोई असर नहीं है।
इनके अलावा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम और दक्षिण भारतीय राज्यों से भारत बंद के प्रभावी होने की सूचना नहीं है।