अफगानिस्तान में लोग अब भी तालिबानी शासन में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे और वहां से निकलने की कोशिश में लगे हुए हैं। इसी वजह से काबुल एयरपोर्ट पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई है। ताजा जानकारी के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट पर भीड़ ने तोड़-फोड़ की कोशिश की। उन्हें रोकने के लिए अमेरिकी सैनिकों को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। इससे पहले रविवार को एयरपोर्ट पर घुसने की कोशिश और फायरिंग के बाद मची भगदड़ में 7 लोगों की मौत हो गई है। भगदड़ में जान गंवाने वाले लोग एयरपोर्ट में जबरन दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे।उधर हवाई अड्डे पर भारी भीड़ की वजह से अभी भी अफरातफरी का माहौल बना हुआ है।
ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने काबुल एयरपोर्ट के पास भगदड़ में 7 अफगानी लोगों के मरने की पुष्टि की है। मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी AFP से कहा, “हमारी संवेदनाएं उन सात अफगान नागरिकों के परिवारों के साथ हैं, जो काबुल में भीड़ में दुखद रूप से मारे गए हैं।” वैसे ब्रिटिश मिलिट्री के मुताबिक भगदड़ इसलिए मची थी क्योंकि तालिबानी वहां हवा में गोलियां चलाते हैं, जिससे लोग डर जाते हैं। ये गोलियां उन लोगों में दहशत फैलाने और भगाने के लिए ही की जा रही है, जो देश छोड़कर जाने की उम्मीद में एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा अपनी स्पेशल फोर्स बद्री 313 यूनिट को सौंप दी है। आपको बता दें कि बड़ी संख्या में लोग देश छोड़ना चाह रहे हैं और इस कोशिश में रोजाना बड़ी संख्या में लोग काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंच रहे हैं।
उधर भारत समेत तमाम देशों की ओर से अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों को निकालने की सप्ताह भर से संघर्ष कर रहे हैं. प्रवक्ता ने कहा, “जमीन पर स्थितियां बेहद चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं लेकिन हम हालात को यथासंभव सुरक्षित तरीके से संभालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.” ब्रिटिश रक्षा मंत्री बेन वालेस ने रविवार को ब्रिटिश अखबार मेल को बताया कि 31 अगस्त की अमेरिकी समय सीमा से पहले “कोई भी देश सभी को बाहर नहीं निकाल पाएगा.”