सप्रीम कोर्ट द्वारा कोरोना प्रबंधन के स्वत: संज्ञान लिए गए मामले पर सोमवार को तकनीकी व्यवधानों की वजह से सुनवाई नहीं हो सकी, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस मामले पर 13 मई को सुनवाई करेगा और इससे न्यायाधीशों को सरकार द्वारा बीती देर रात दायर हलफनामे को पढ़ने का अतिरिक्त वक्त मिल जाएगा। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल एन राव और जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि आज हमारा सर्वर खराब है। हम न्यायाधीशों ने आपस में चर्चा की और इस मामले पर गुरुवार (13 मई) को सुनवाई का फैसला किया।
जस्टिस भट ने कहा कि इस बीच न्यायाधीश केंद्र द्वारा बीती देर रात दायर अनुपालना हलफनामे को देखेंगे और इस मामले में न्यायमित्र को भी इसे देखकर जवाब देने के लिए समय मिल जाएगा। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हो रही सुनवाई के तकनीकी व्यवधान की वजह से बाधित होने से पहले जस्टिस चंद्रचूड़ ने एक खबर का हवाला देते हुए कहा कि पीठ के दो न्यायाधीशों को केंद्र का हलफनामा सोमवार सुबह मिला।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जस्टिस राव को सुबह जस्टिस भट की हलफनामे की प्रति लेनी पड़ी क्योंकि उन्हें उनकी प्रति प्राप्त ही नहीं हुई थी। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मुझे हलफनामा देर रात को मिला लेकिन मेरे साथी न्यायाधीशों को यह सुबह मिला। मुझे हलफनामा मिलने से पहले मैंने इसे मीडिया में पढ़ा। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हलफनामा दायर करने के बाद उन्होंने इसकी प्रति राज्य को दी थी और यह जानना बेहद मुश्किल है कि मीडिया को यह कहां से मिला। शीर्ष अदालत ने 30 अप्रैल को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह राज्यों के साथ मिलकर आपात उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन का बफर स्टॉक तैयार करे और इन्हें अलग-अलग स्थानों पर रखा जाए, जिससे सामान्य आपूर्ति श्रृंखला के बाधित होने पर यह उपलब्ध हो।