
नई दिल्ली।
देश में कोरोना महामारी को हराने के लिए टीकाकरण की रफ्तार को और तीव्र किया गया है। टीकाकरण के मामले में भारत, अमेरिका और चीन को पछाड़ कर शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है। 92 दिनों में ही देश में 12 करोड़ 26 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगा दी गई है। इस आंकड़े को छूने में अमेरिका ने 97 दिन लगाए और चीन ने 108 दिनों में इस लक्ष्य को पूरा किया। उप्र, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में एक-एक करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में हररोज लगाए जाने वाले टीकों के मामले में भी भारत शीर्ष पर बना हुआ है।
देश में कुल 60.057 वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 12.25 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है। शनिवार को 25.65 लाख लोगों ने टीकाकरण करवाया। मंत्रालय ने कहा कि देश में कुल 60.057 वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं। भारत में प्रतिदिन औसतन 38,93,288 टीके लगाए जा रहे हैं। वहीं दूसरे नंबर पर अमेरिका है, जहां वैक्सीन की रोजाना औसतन 30 करोड़ डोज दी जा रही है। मंत्रालय ने बताया कि अमेरिका में 85 दिनों में 9.2 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया, जबकि इतने ही दिनों में चीन में 6.14 करोड़ और ब्रिटेन में 2.13 करोड़ वैक्सीन की डोज ही लाभार्थियों को दी गई थीं।
16 जनवरी को शुरू हुआ टीकाकरण अभियान
बता दें कि देश में कोरोना महामारी के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों समेत फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को वैक्सीन लगानी शुरू की। एक मार्च से 60 साल से अधिक और 45-59 साल के गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों को टीका लगाया जाने लगा। इस अभियान में असल तेजी एक अप्रैल के बाद आई, जब 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को इसमें शामिल किया गया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की मांग
इस बीच कोरोना वायरस के प्रसार के बीच रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपात काल घोषित करने का आग्रह किया है। उन्होंने चुनावी रैलियों पर रोक लगाने के लिए भी सरकार से अनुरोध किया है।
पीएम ने मुख्यमंत्रियों के साथ की समीक्षा
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नियमित तौर पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की। उन्होंने फिर जोर दिया कि कोरोना से निपटने के लिए टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट का कोई विकल्प नहीं है। हमने पिछले साल भी कोरोना को मात दी थी। इस बार भी उसी रणनीति पर और तेजी से बढ़ते हुए हम इस महामारी को मात दे सकते हैं। प्रधानमंत्री ने केंद्र और राज्यों के बीच करीबी समन्वय की जरूरत पर जोर दिया। चर्चा के दौरान रेमडेसिविर, ऑक्सीजन और कोरोना बेड की कमी के मुद्दे भी सामने आए। शुक्रवार को भी उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों से बैठक में वैक्सीन उत्पादन को गति देने की बात कही थी।