रायपुर, । स्वदेशी कोरोना वैक्सीन पर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सवाल उठाया है। सिंहदेव ने कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड का फेज-थ्री का परीक्षण नहीं होने के बाद भी इसे लगाने के केंद्र सरकार के फैसले पर असहमति जताई है। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इस संबंध में पत्र भी लिखेंगे। उन्होंने कहा कि यदि फेज थ्री टेस्ट अनिवार्य है तो उस टेस्ट के बाद ही वैक्सीन लगाई जानी चाहिए।
कोविशील्ड का फेज थ्री का परीक्षण नहीं होने के बाद भी इसे लगाने के केंद्र के फैसले पर असहमत
मीडिया से चर्चा में सिंहदेव ने कहा कि अगर फेज वन या टू से ही वैक्सीन के सफल या असफल होने का फैसला हो जाता तो तीसरे चरण के परीक्षण की जरूरत क्यों पड़ती है। केंद्र को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। चार सप्ताह का समय कोई बहुत ज्यादा समय नहीं होता है। इतना इंतजार किया जा सकता है। केंद्र सरकार अगर फेज थ्री के परीक्षण के बिना अनुमति देती है तो देश की और भी कई कंपनियां हैं, जिन्होंने फेज वन और टू का परीक्षण पूरा कर लिया है। फिर वे भी अनुमति मांगेगी।
सिंहदेव ने स्पष्ट किया कि यह वैक्सीन फिलहाल तब लगाई जानी है, जब आपात स्थिति हो। जहां तक प्रदेश की बात है तो यहां आपात स्थिति का मामला नहीं है। रिकवरी रेट देश में सबसे बेहतरीन है। आपदा के कारण ही पांच से 15 साल में बनने वाली वैक्सीन को पांच महीने में बनाया गया है। अब तक यह पता नहीं है कि वैक्सीन लगाने के दुष्परिणाम क्या होंगे। वैक्सीन लगाने का असर छह महीने होगा या दो साल या फिर आजीवन होगा, इसकी भी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन का पूरा खर्च केंद्र को उठाना चाहिए।