इंदौर. 338 करोड़ रुपए की कर चोरी का आरोपी किशोर वाधवानी मप्र का राज्य स्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार था। मप्र सरकार ने ही उसे यह अधिमान्यता प्रदान की थी। लेकिन अब कर चोरी में प्रमुख आरोपी के रूप में नाम आने और डीजीजीआई द्वारा गिरफ्तार कर जेल पहुंचने के बाद मप्र सरकार ने वाधवानी की अधिमान्यता समाप्त कर दी है।
आरोपी किशोर वाधवानी दबंग दुनिया नामक अखबार का मालिक है। इसी के माध्यम से प्रदेश के जनसंपर्क विभाग द्वारा उसे राज्य स्तरीय अधिमान्यता प्रदान की गई थी। वाधवानी ने कभी कोई पत्रकारिता नहीं की उसके बावजूद उसके पास राज्य स्तरीय अधिमान्यता होने से जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों पर भी शक जताया जा रहा है। वहीं वाधवानी के अखबार के नाम पर कई लोगों को अधिमान्यता प्रदान किए जाने की बात भी सामने आ रही है। इसके साथ ही मीडिया की आड़ में ब्लैकमेलिंग का धंधा किए जाने की बात भी जांच में पता चली है। मामले में किशोर वाधवानी का साथ देने वाले जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अफसरों की भूमिका की जांच कराने की मांग भी की गई है। डीजीजीआई की रिमांड खत्म होने के बाद वाधवानी फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। इधर, डीजीजीआई अफसरों की सांवेर रोड पर पान मसाला और सिगरेट गोदामों की तलाश जारी है।
जीएसटी भरने के लिए वाधवानी की अर्जी पर सुनवाई आज संभव
वाधवानी ने जीएसटी भरने के लिए बुधवार को कोर्ट में अर्जी दायर की थी लेकिन तकनीकी कारणों से सुनवाई नहीं हो सकी। वाधवानी की तरफ से अधिवक्ता अभिनव धनोतकर ने अर्जी दाखिल की थी और डीजीजीआई ने इस पर जवाब भी तैयार कर लिया था। अब गुरुवार को इस पर सुनवाई हो सकती है। जीएसटी भरने के लिए वैसे भी 24 जून आखिरी तारीख थी। ऐसे में अब वाधवानी को पेनल्टी चुकाना होगी।
DB