इंदौर. इंदौर के गोकुलदास अस्पताल का लाइसेंस अस्थाई रुप से रद्द कर दिया गया है. सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया ने बताया कि गुरुवार को 6 घंटे में 6 मरीजों की मौत होने के बाद परिजनों का कलेक्टर से मदद मांगने का वीडियो सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई है. लाइसेंस निलंबित होने से अब अस्पताल नए मरीज भर्ती नहीं कर पाएगा. सीएमएचओ के मुताबिक गोकुलदास अस्पताल में गुरुवार सुबह साढ़े 11 बजे पहली मौत हुई. उसके बाद पौने दो घंटे में तीन और मौते हुईं और इस तरह कुल 6 घंटे में 6 मौते हुई जिससे मरीजों के परिजन घबरा गए. उन्होंंने वीडियो बनाकर अस्पताल की लापरवाही उजागर करते हुए कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है.
अस्पताल के दस्तावेज जब्त
कलेक्टर मनीष सिंह ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल डॉक्टरों की टीम बनाई, जिसमें सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया, अपर सीएमएचओ डॉक्टर माधव हसानी, एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पी.एस. ठाकुर,कोविड अस्पताल एमआरटीबी के इंचार्ज डॉ.सलिल भार्गव, चेस्ट डिपार्टमेंट के डॉ.वीपी पांडे शामिल थे. इस टीम को गोकुलदास अस्पताल भेजा गया. टीम ने अस्पताल पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया, जिसमें अस्पताल में कई खामियां मिलीं. टीम ने अस्पताल के सारे कागजों को जब्त कर प्रबंधन से संपर्क करने की कोशिश की. सरकार की ओर से सूचना देने के बावजूद किसी ने भी स्वास्थ्य विभाग से संपर्क नहीं किया. इसके बाद अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया.
सीएमएचओ डॉक्टर प्रवीण जड़िया ने बताया कि अस्पताल में कुल 13 मरीज भर्ती हैं जिसमें से आईसीयू में एक मरीज और 12 मरीज जनरल वॉर्ड में भर्ती हैं. सीएमएचओ ने कहा कि आईसीयू में मरीज भर्ती होने की वजह से अस्पताल को सील नहीं किया गया है. इन मरीजों को मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट करने के बाद अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की जाएगी. वहीं कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि वीडियो सामने के आने बाद अब अस्पताल का डेथ ऑडिट कराया जा रहा है. उन्होंंने कहा कि संभाग के कमिश्नर आकाश त्रिपाठी ने भी तीन सदस्यीय जांच कमेटी बना दी है जो इस मामले की जांच करेगी और जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई करेगी.