बुरहानपुर । जिले में लोहड़ी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया रात को शहर के लोधी पुरा स्थित बडी संगत गुरूद्वारे में लोहड़ी जलाकर परिक्रमा की गई।पारम्परिक रीति रिवाज अनुसार मनाया गया लोहड़ी का पर्व।
गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान ने बताया की लोहड़ी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है, साथ ही शहर की पंजाबी, सिख, खत्री, सिंधी समुदाय के लोगो ने भी मिलकर लोहड़ी पर्व मनाया।
मकर संक्रांति का पर्व आ गया है। पूरे देश में मकर संक्रांति को धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि मकर संक्रांति को देश के अलग अलग राज्यों में अलग नामों और अलग तरीके से मनाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के आधार पर मकर संक्रांति का पर्व महत्वपूर्ण होता है। जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उसे ‘संक्रांति’ कहा जाता है, वहीं जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो उसे मकर संक्रांति कहते हैं। मकर संक्रांति का पर्व धार्मिक, वैज्ञानिक, आयुर्वेदिक और खगोलीय महत्व रखता है। इन्हीं महत्व के आधार पर राज्यों में मकर संक्रांति के पर्व को अलग अलग परंपराओं और रीति रिवाज से मनाने की मान्यता है। कई लोग मकर संक्रांति को खिचड़ी का पर्व कहते हैं तो कुछ इसे पोंगल नाम से जानते हैं। लेकिन मकर संक्रांति सिर्फ खिचड़ी और पोंगल नहीं, बल्कि कई और नामों से जानी जाती है। चलिए जानते हैं पूरे देश में मकर संक्रांति के अलग अलग नाम और उसे मनाने के तरीकों के बारे में।
धूमधाम से मनाया लोहड़ी पर्व, पारंपरिक गीत-संगीत और ढोल नंगाड़ों ने जमाया रंग
प्रधान,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी
उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति
उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति को इसी नाम से और कुछ शहरों में खिचड़ी के पर्व के तौर पर जाना जाता है। इस दिन उड़द दाल और चावल की बनी खिचड़ी बनती है। जिसका सेवन करना शुभ माना जाता है। तिल के लड्डू, गजक और मूंगफली और गुड़ की गजक का भी लुफ्त उठाया जाता है।
पंजाब-हरियाणा में मकर संक्रांति
पंजाब और हरियाणा में मकर संक्रांति को माघी नाम से मनाया जाता है। वैसे पंजाब में इसे लोहड़ी के नाम से भी जाना जाता है जिसे पंजाब में मकर संक्रांति के एक दिन पहले ही मनाया जाता है।
राजस्थान और गुजरात में मकर संक्रांति
राजस्थान और गुजरात में
मकर संक्रांति को उत्तरायण कहते हैं। यहां मकर संक्रांति में पतंग उत्सव होता है और दो दिन का पर्व मनाया जाता है।
तमिलनाडु में मकर संक्रांति
तमिलनाडु में मकर संक्रांति को पोंगल कहा जाता है। पोंगल चार दिन मनाया जाने वाला पर्व होता है। ये चार दिन भोगी पोंगल, सूर्य पोंगल, मट्टू पोंगल, कन्या पोंगल के नाम से जाने जाते हैं। इस मौके पर चावल के पकवान बनते हैं
उड़ीसा मे बिहु कहा जाता है ।
नेपाल मे भी मनाया जाता है
मकर संक्रान्ति (मकर संक्रांति) भारत का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रांति (संक्रान्ति) पूरे भारत और नेपाल में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है, इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। तमिलनाडु में इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं। मकर संक्रान्ति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहते हैं।14 जनवरी के बाद से सूर्य उत्तर दिशा की ओर अग्रसर(जाता हुआ) होता है। इसी लिऐ ,उतरायण, (सूर्य उत्तर की ओर) भी कहते है। ऐसा इस लिए होता है, की पृथ्वी का झुकाव हर 6,6माह तक निरंतर उतर ओर 6माह दक्षिण कीओर बदलता रहता है। ओर यह प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसी दिन होता है।