Kamala Harris ने आते ही बना ली है Donald Trump पर 2% अंकों की बढ़त: Reuters-Ipsos Poll के चौंकाने वाले परिणाम

अमेरिका में जबसे जो बाइडन राष्ट्रपति चुनाव की रेस से बाहर हुए हैं तबसे माना जा रहा है कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ही डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार होंगी। कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी का नामांकन हासिल करने के लिए पर्याप्त समर्थन भी मिल गया है इसलिए अब उनके नाम की औपचारिक घोषणा होना ही बाकी रह गयी है। कमला हैरिस का नाम सामने आते ही अमेरिकी राजनीति में बड़ा बदलाव भी देखने को मिल रहा है। पिछले सप्ताह तक सभी सर्वेक्षणों में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप भारी बढ़त बनाये हुए थे लेकिन अब कमला हैरिस आगे निकलती दिखाई दे रही हैं। यह स्थिति तब है जब उनके नाम का अभी औपचारिक ऐलान भी नहीं हुआ है।

बढ़ रहा है कमला हैरिस का समर्थन
हम आपको बता दें कि अमेरिका में ताजा सर्वेक्षणों से कई बातें सामने आई हैं। जैसे उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प पर दो प्रतिशत अंकों की बढ़त बना ली है। रॉयटर-इप्सोस पोल के परिणामों के मुताबिक कमला हैरिस को 44 प्रतिशत और डोनाल्ड ट्रंप को 42 प्रतिशत मतदाताओं ने पसंद किया। इसके अलावा, यूएस एबीसी न्यूज के लिए इप्सोस पोल में डेमोक्रेटिक मतदाताओं ने 60-39 से बाइडन के हटने का समर्थन किया। सर्वे यह भी बताता है कि बाइडन चुनाव लड़ते तो हार जाते मगर पेंसिल्वेनिया, नेवादा, विस्कॉन्सिन, मिशिगन और एरिज़ोना राज्यों में अमेरिकी सीनेट के सर्वेक्षण से पता चलता है कि डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जीत रहे हैं और बाइडन की तुलना में बहुत बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। यानि डेमोक्रेट्स के लिए सिर्फ बाइडन ही समस्या थे।

इसके अलावा, दो और चीजें हैं जिनसे कमला हैरिस को फायदा होना चाहिए। एक यह है कि आर्थिक आंकड़ों में सुधार हुआ है, मुद्रास्फीति में गिरावट आई है और वास्तविक कमाई बढ़ी है। दूसरी बात यह है कि बाइडन चुनाव तक लगभग 82 वर्ष के हो चुके होंगे, जबकि हैरिस तब तक 60 वर्ष की होंगी। ट्रंप 78 वर्ष के हैं, इसलिए उम्र का जो विभाजन बाइडन के लिए प्रतिकूल था, वह कमला हैरिस के लिए अनुकूल होगा। साथ ही कमला हैरिस के प्रति समर्थन कितना बढ़ रहा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके चुनाव अभियान में आर्थिक सहयोग करने वालों की बाढ़-सी आ गयी है। कमला हैरिस के प्रचार दल ने मंगलवार सुबह रिपोर्ट दी कि राष्ट्रपति बाइडन द्वारा पद छोड़ने की घोषणा के बाद उन्होंने पहले 41 घंटों में 1.1 मिलियन दानदाताओं से 100 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए थे।

जहां तक कमला हैरिस को अपनी पार्टी के भीतर मिल रहे समर्थन की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने पर्याप्त ‘डेलीगेट’ (प्रतिनिधि) का समर्थन हासिल कर लिया है। भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला हैरिस को 1976 ‘डेलीगेट’ का समर्थन मिल गया है जो राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए जरूरी संख्या से ज्यादा है। हम आपको बता दें कि कमला हैरिस का जन्म प्रवासी माता-पिता (एक अश्वेत पिता और एक भारतीय मां) से हुआ। उनके पिता डोनाल्ड हैरिस जमैका के थे और उनकी मां श्यामला गोपालन चेन्नई की एक कैंसर शोधकर्ता और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थीं।

जो बाइडन का बयान

इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने नवंबर में प्रस्तावित राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से पीछे हटने के अपने फैसले को ‘सही कदम’ करार देते हुए कहा है कि वह जल्द ही उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे। बाइडन ने अपनी प्रचार टीम के सदस्यों से उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को ‘दिल से अपनाने’ का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि अभियान टीम का नाम बदलकर भले ही ‘हैरिस कैंपेन’ कर दिया गया है, लेकिन इसका मिशन वही है- डोनाल्ड ट्रंप को हराना। बाइडन ने कहा कि हमें अभी भी लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है। ट्रंप अभी भी समुदाय के लिए खतरा हैं। वह देश के लिए खतरा हैं। मेरे विदेश नीति सहयोगियों, मेरे समकक्षों और देश-दुनिया के लोगों से पूछें। मैं उम्मीद करता हूं कि मेरी तरह कमला का भी पूरे दिल और आत्मा से सहयोग करेंगे।

कमला हैरिस का बयान

दूसरी ओर, कमला हैरिस ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर तीखे हमले के साथ करते हुए आरोप लगाया है कि पूर्व राष्ट्रपति देश को पीछे ले जाना चाहते हैं। डेलावेयर के विलमिंगटन में अपनी प्रचार टीम को संबोधित करते हुए कमला हैरिस ने कहा कि ट्रंप का विवादित प्रोजेक्ट 2025 ‘‘मध्यम वर्ग को कमजोर करेगा और हमें एक बार फिर उन विफल नीतियों की ओर ले जाएगा, जिनके तहत अरबपतियों और बड़ी कंपनियों को करों में भारी छूट दी गई और कामकाजी लोगों से इसकी भरपाई करवाई गई।’’ ट्रंप पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘डोनाल्ड ट्रंप हमारे देश को उस दौर में ले जाना चाहते हैं, जब कई अमेरिकियों को पूर्ण स्वतंत्रता और अधिकार हासिल नहीं थे। लेकिन हम एक उज्जवल भविष्य में यकीन करते हैं, जिसमें सभी अमेरिकियों के लिए जगह है। हम एक ऐसे भविष्य में यकीन करते हैं, जहां हर व्यक्ति के पास न केवल आजीविका जुटाने का, बल्कि आगे बढ़ने का भी मौका हो।’’ कमला ने कहा, ‘‘हम ऐसे भविष्य में यकीन करते हैं, जहां किसी भी बच्चे को गरीबी में न पलना-बढ़ना पड़े, जहां हर व्यक्ति घर खरीद सके, परिवार बढ़ा सके और धन अर्जित कर सके, जहां हर व्यक्ति को सवैतनिक पारिवारिक अवकाश और बच्चों की किफायती देखभाल की सुविधा मिले। हम ऐसा ही भविष्य चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम साथ मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जहां हर व्यक्ति को किफायती स्वास्थ्य देखभाल मिले, जहां हर कर्मचारी को उचित वेतन मिले, और जहां हर वरिष्ठ नागरिक सम्मान के साथ सेवानिवृत्त हो सके। ये सब मेरे राष्ट्रपति कार्यकाल के अहम लक्ष्य होंगे, क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा मध्यम वर्ग मजबूत होगा, तो अमेरिका मजबूत होगा।’’ कमला ने आरोप लगाया कि यह वह भविष्य नहीं है, जिसके लिए डोनाल्ड ट्रंप लड़ रहे हैं।

कमला ने याद दिलाया कि उपराष्ट्रपति बनने या सीनेट के लिए चुने जाने से पहले वह कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल थीं। उन्होंने लंबे समय तक वकालत भी की। कमला ने कहा, ‘‘उन भूमिकाओं में मैंने सभी तरह के अपराधियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी, इनमें महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वाले, उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी करने वाले, व्यक्तिगत लाभ के लिए नियम तोड़ने वाले शामिल हैं। इसलिए, जब मैं कहती हूं कि मुझे पता है कि डोनाल्ड ट्रंप किस तरह के हैं, तो मेरी बात पर गौर किया करें।’’ उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘प्रचार अभियान के दौरान मैं गर्व से ट्रंप के खिलाफ अपना रिकॉर्ड रखूंगी। एक युवा अभियोजक के रूप में जब मैं कैलिफोर्निया के अल्मेडा काउंटी जिला अटॉर्नी के कार्यालय में थी, तो मैंने यौन शोषण से जुड़े मामलों में विशेषज्ञता हासिल की। डोनाल्ड ट्रंप को एक ज्यूरी ने यौन शोषण के मामले में दोषी पाया था।’’

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