यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ रूट पर मौजूद दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश पर कोहराम मचा हुआ है। दुकानदारों के नामों को लिखने के योगी सरकार के आदेश पर एनडीए के सहयोगी दलों की राय बंटी हुई नजर आ रही है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवानऔर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने इस आदेश का विरोध किया। वहीं केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने नेम प्लेट वाले आदेश का खुलकर समर्थन किया है। केन्द्रीय मंत्री का योगी को समर्थन देने वाला बयान जेडीयू और लोजपा के विरोध के बाद सामने आया है।योगी के फैसले को समर्थन देते हुए मांझी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा जारी निर्देश में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि भोजनालयों और फल विक्रेताओं को सिर्फ मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का ही आदेश दिया गया है।जीतन राम मांझी ने इस मुद्दे पर बोधगया में मीडिया से बातचीत में कहा कि अन्य दलों के लिए नहीं बोल सकता लेकिन इस आदेश में कुछ भी गलत नहीं है। अगर कारोबार से जुड़े लोगों से ये कहा गया है कि वो अपना नाम और पता प्लेट पर लिखें तो इसमें क्या बुराई है?’ हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा प्रमुख बोले कि इस आदेश को धार्मिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए। इस आदेश से तो खरीदारों के लिए किसी दुकान या स्टॉल को पहचानना आसान होगा, जो अच्छी चीज देगा उसकी पहचान होगी और उसके सामान को लोग खरीदेंगे।
यूपी सीएम का आदेश पीएम मोदी के ‘सबका साथ-सबका विकास’ वाली व्याख्या के विरुद्ध
वहीं यूपी सरकार के इस फैसले पर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि यूपी से बड़ी यात्रा बिहार में निकलती है, लेकिन वहां इस तरह का कोई आदेश नहीं है। ये आदेश प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ-सबका विकास’ वाली व्याख्या के विरुद्ध है और इस पर पुनर्विचार होना ही चाहिए क्योंकि हमारी कोशिश एनडीए को खुशहाल और मजबूत होते हुए देखना है।
मैं इसका समर्थन नहीं करता हूंः चिराग पासवान
एनडीए में शामिल केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने उत्तर प्रदेश के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब जाति या धर्म के नाम पर किसी भी तरह का विभाजन होता है तो मैं इसका समर्थन नहीं करता। मैं 21वीं सदी का शिक्षित युवा हूं और मेरी लड़ाई जातिवाद और सांप्रदायिकता पर आधारित है। बता दें कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी योगी सरकार के आदेश पर सवाल उठाए थे।