प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिता पर कथित अभद्र टिप्पणी के मामले में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा की पुनरीक्षण याचिका को यहां की एक एमपी/एमएलए अदालत ने बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया।
पुनरीक्षण याचिका मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम), लखनऊ द्वारा पांच जनवरी, 2024 को पारित आदेश के खिलाफ दायर की गई थी। सीजेएम अदालत ने मामले में खेड़ा को क्लीन चिट देने से इनकार कर दिया था।एमपी/एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने खेड़ा की याचिका खारिज करने का आदेश पारित किया। अदालत के समक्ष प्रतिवादी ने दलील दी कि खेड़ा ने प्रधानमंत्री मोदी के पिता का नाम ‘‘दामोदर दास मूलचंद मोदी’’ के स्थान पर ‘‘नरेंद्र गौतम दास मोदी’’ का उल्लेख किया था।
अदालत को सूचित किया कि इस संबंध में 20 फरवरी, 2023 को वाराणसी के कैंट थाने और लखनऊ के हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थीं। इनके अलावा 22 फरवरी 2023 को असम के हाफलॉन्ग पुलिस थाना में भी इस संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
अदालत को सूचित किया गया कि विभिन्न थानों में दर्ज प्राथमिकी को खेड़ा ने उच्चतम न्यायालय चुनौती दी थी और शीर्ष अदालत ने 20 मार्च 2023 को मामले में दर्ज सभी प्राथमिकियों को लखनऊ के हजरतगंज थाने में स्थानांतरित कर दिया था।
पुलिस ने सीजेएम,लखनऊ की अदालत में खेड़ा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। एमपी/एमएलए अदालत को यह भी बताया गया कि खेड़ा ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष आरोप-पत्र और प्राथमिकी रद्द करने के लिए भी एक याचिका दायर की है। एमपी/एमएलए अदालत ने मामला उच्च न्यायालय में लंबित होने का संज्ञान लिया और खेड़ा को कोई राहत नहीं दी।