भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा और फिर लोकसभा में करारी हार के बाद कांग्रेस अपनी जमीन तलाश करने में जुटी हुई है। पार्टी का ध्यान अब सहकारी संस्थाओं के चुनाव पर है। 4 चरणों में होने जा रहे 4543 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के चुनाव में कांग्रेस जोर लगाएगी। इसके लिए सहकारी संस्थाओं से जुड़े पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, राज्य सभा सदस्य अशोक सिंह और पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव की समिति बनाई गई है, जिसकी बैठक 28 जून को भोपाल में होगी।देश की सहकारी समितियों से 50 लाख किसान जुड़े हुए हैं। वर्ष 2013 के पहले तक कांग्रेस का अधिकतर सहकारी समितियों पर कब्जा होता था, लेकिन धीरे-धीरे भाजपा ने इसकी ताकत को समझा और अधिकतर समितियों पर उसका कब्जा होता गया। अब कांग्रेस फिर इसे वापस पाने के लिए जोर आजमाइश करेगी।
दरअसल कांग्रेस की ताकत ही प्रदेश में सहकारी क्षेत्र रहा है। प्राथमिक से लेकर शीर्ष सहकारी समितियों में कांग्रेस के ही नेता अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संचालक होते थे। लेकिन विधानसभा के बाद जिस तरह से लोकसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा, उसे देखते हुए अपनी खोई जमीन को पाने के लिए अब सहकारी संस्थाओं के चुनाव पर पार्टी जोर लगाएगी।