जकार्ता: इंडोनेशिया के पश्चिम सुमात्रा प्रांत में ठंडे लावा की बाढ़ के कारण घरों, इमारतों और सार्वजनिक सुविधाओं के नष्ट हो जाने से 52 लोगों की मौत हो गयी और 17 लापता हो गए है।
स्थानीय आपदा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
प्रांतीय आपदा प्रबंधन और शमन एजेंसी की पुनर्वास और पुनर्निर्माण इकाई के प्रमुख इल्हाम वहाब ने कहा कि लापता लोगों की तलाश आज फिर से शुरू हुई। अभियान में मदद के लिए घटनास्थल पर कई भारी मशीनरी उपकरण जोड़े गए है।
उन्होंने बताया ‘अब पाए गए शवों की संख्या 52 है और लापता लोगों की संख्या 17 है। ये आंकड़े बदलते रहेंगे। लोग अपने लापता परिवार के सदस्यों के बारे में रिपोर्ट करते रहेंगे।’वहाब ने कहा कि चल रहे आपातकालीन राहत प्रयासों के बाद पुनर्निर्माण और पुनर्वास कार्यक्रम चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों को इस बात पर विचार करने के लिए शामिल किया जाएगा कि क्या खतरनाक क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों को स्थानांतरित करना आवश्यक होगा, जैसे नदियों के किनारों पर जिनकी ऊपरी धारा मारापी ज्वालामुखी और सिंग्लांग ज्वालामुखी की ढलान पर है जो ज्वालामुखी सामग्री को विस्फोटित और बाहर निकालते रहते हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन और शमन एजेंसी के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सुहार्यंतो के अनुसार प्राकृतिक आपदा ने 3,000 से अधिक लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर किया है।
उन्होंने एक संदेश में कहा, ‘राहत प्रयासों के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत प्राथमिकताओं में से एक है।’ उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित निवासियों की बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जाएगा।
शनिवार रात को भारी बारिश के कारण नदियों का पानी अपने किनारों से ऊपर बहने लगा, जिससे अगम, तनाह दातार और परियामन और पदांग पंजांग शहर प्रभावित हुए।