हिमाचल प्रदेश में 17 साल बाद जनवरी में बारिश और बर्फबारी के आसार बहुत कम हैं। प्रदेश में पूरे महीने मौसम शुष्क बना रहने का पूर्वानुमान है। किन्नौर, लाहौल-स्पीति, चंबा, कुल्लू और शिमला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार उत्तरी ध्रुव और भूमध्य सागरीय क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बनने से पश्चिमी विक्षोभ कमजोर हो गया है। मैदानी जिलों में कुछ और दिन कोहरा पड़ना जारी रहेगा। ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, हमीरपुर सहित सोलन, सिरमौर और मंडी के कई क्षेत्रों में कोहरा पड़ने से सुबह और शाम के समय विजिबिलिटी (दृश्यता) कम रहेगी। जनवरी में तापमान भी सामान्य या उससे अधिक रहने की संभावना है।
बन रहे हैं 2007 जैसे हालात
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश में 2007 की जनवरी जैसे हालात बन रहे हैं। ग्लोबल पैटर्न भी इसका बड़ा कारण है। जनवरी में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की बहुत कम संभावना है। उन्होंने कहा कि सर्दियों के मौसम में बर्फबारी के लिए अटलांटिक सागर से हवाएं आती हैं। उत्तरी ध्रुव की ओर से ठंडी और भूमध्य सागरीय क्षेत्र की ओर से गर्म हवा आने पर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होता है। इस बार उत्तरी ध्रुव में हवा बेहद कम है और कम दबाव का क्षेत्रफल भी हावी है। कम दबाव के क्षेत्रफल के हावी रहने की वजह से हवाएं आगे की तरफ नहीं आ रही है। इसी वजह से प्रशांत सागर में भी तापमान सामान्य से ज्यादा दर्ज किया जा रहे है। उन्होंने कहा कि बर्फबारी मानसून का एक कारक है। मानसून सीजन के दौरान बारिश अधिक या कम होने को लेकर अभी संभावना जताना जल्दबाजी होगी।2007 में जनवरी में सामान्य से 99 फीसदी कम हुई थी बारिश-बर्फबारी
वर्ष 2007 में जनवरी में सामान्य से 99 फीसदी कम बारिश और बर्फबारी हुई थी। इस वर्ष आठ जनवरी तक बारिश-बर्फबारी सामान्य से 100 फीसदी कम है। आने वाले दिनों में भी मौसम में बदलाव आने के आसार कम हैं।