मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग शाम 6 बजे बंद हो चुकी है लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में मतदाता पोलिंग बूथ के बाहर वोट डालने के लिए कतारों में खड़े हुए हैं. इसके कारण विवाद की स्थितियां भी पैदा हाेने लगी है. ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में इसी वजह से एक बड़ा बवाल खड़ा हो गया, जहां पर कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक का ग्वालियर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह से बड़ा विवाद हो गया.
ग्वालियर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह विधायक प्रवीण पाठक को मतदान केंद्र छोड़कर जाने का दबाव बना रहे थे और विधायक प्रवीण पाठक आरोप लगा रहे थे कि कलेक्टर सत्ताधारी दल बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं, जिसके कारण ही बड़े पैमाने पर लोग वोट नहीं डाल पा रहे हैं और बड़ी संख्या में शाम 6 बजे के बाद भी लोग पोलिंग बूथ के बाहर खड़े हुए हैं और प्रशासन उनको वोट डलवाने के लिए कोई इंतजाम नहीं कर रहा है.
विधायक प्रवीण पाठक ने आरोप लगाए हैं कि कलेक्टर द्वारा ऐसे इंतजाम किए गए हैं, जिसके कारण अल्पसंख्यकों वाले इलाके में लोगों को वोट डालने में दिक्कत आए और लोग वोट डालने से वंचित रह जाए. वहीं कलेक्टर का आरोप था कि मतदान केंद्र पर विधायक प्रवीण पाठक अपने कई समर्थकों के साथ पहुंचकर मतदाताओं पर अपना प्रभाव जमाने की कोशिश कर रहे थे और उनको वहां से जाने को बोल रहे थे लेकिन वे मतदान केंद्र छोड़कर नहीं जा रहे थे.
प्रवीण पाठक 2018 में सबसे कम वोटों से जीतने वाले विधायक बने थे
आपको बता दें कि प्रवीण पाठक वहीं विधायक हैं जो 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में सबसे कम वोटों से जीतने वाले विधायक बने थे. प्रवीण पाठक मात्र 121 वोटों से जीते थे और उन्होंने बीजेपी के कद्दावर नेता और जेल राज्य मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा को चुनाव में हराया था और इस बार भी प्रवीण पाठक के सामने बीजेपी के नारायण सिंह कुशवाहा ही प्रतिद्वंदी के रूप में चुनावी मैदान में सामने हैं.