रतलाम : संघ से जुड़े पाटीदार ने उधारी से निपटने कराया खुद का बीमा, नौकर को अपने कपड़े पहनाकर की हत्या

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ग्राम कमेड़ में 23 जनवरी को हुए हत्याकांड का पुलिस ने सोमवार को खुलासा कर दिया। पुलिस को 23 जनवरी को जो शव मिला था, वह संघ नेता हिम्मत पाटीदार का नहीं, बल्कि उसके नौकर मदन मालवीय का निकला। हिम्मत की हत्या का शक उसके नौकर मदन पर था, लेकिन पुलिस ने जब शव का डीएनए टेस्ट कराया तो राज से पर्दा उठ गया। पुलिस अब मदन की हत्या के आरोप में हिम्मत पाटीदार की तलाश में जुट गई है।

दूसरी ओर हत्याकांड का खुलासा होने के बाद राजनीति भी तेज हो गई है। जहां एक ओर कांग्रेस के नेताओं ने भाजपाईयों को संयम से और सोच-समझकर बयान देने की नसीहत दी हैं वहीं भाजपाईयों ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।

खुलासे के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हत्या के आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि शव हिम्मत पाटीदार के नौकर मदन का है। मदन की हत्या के आरोप में हिम्मत की तलाश की जा रही है।  

जिसे मान रहे थे मृत वह निकला हत्यारा : पुलिस के अनुसार जिसे मृतक माना जा रहा था वह हत्यारा निकला। हत्या करने के बाद हत्यारे ने अपने कपड़े मदन को पहनाए और शिनाख्ती के लिए अपना सामान भी लाश के आसपास बिखेर दिए थे। माना जा रहा है कि हत्यारे ने खुद की हत्या की साजिश बीमे के 20 लाख रुपए हड़पने और कर्जे से बचने के लिए रची थी। पुलिस कंट्रोल रूम पर एसपी गौरव तिवारी, एएसपी प्रदीप शर्मा और सीएसपी विवेकसिंह चौहान, एसडीओपी मानसिंह चौहान ने मामले की जानकारी दी। 

एसपी ने बताया कि 23 जनवरी को कमेड़ में मृतक के पिता ने ही पुलिस को सूचना दी थी कि उसके बेटे हिम्मत पाटीदार की  हत्या कर चेहरा जला दिया गया है। मामले में प्रारंभिक रूप से परिजनों ने मृतक की पहचान कपड़ो, सामान के आधार पर हिम्मत के रूप में की थी, लेकिन जब जांच आगे बढ़ी तो यह बात पुलिस के सामने आई कि हिम्मत के खेत पर काम करने वाला मदन भी गायब है। 


पहले पुलिस को लगा कि मदन कातिल है, लेकिन जैसे ही मृतक की डायरी से बीमा नंबर, एफडी, पिन नंबर आदि की जानकारी मिली, मृतक के फोन से सारा डाटा गायब था आदि के आधार पुलिस को शंका हुई। इसके बाद पुलिस ने डीएनए टेस्ट करवाया तो पूरा खुलासा हो गया। 


10 हजार का इनाम : डीएनए टेस्ट में साबित हो गया कि जो लाश मिली है वह हिम्मत की नहीं है। शव मदन का है।  ऐसे में पुलिस को पता चला कि हिम्मत ने मदन की हत्या कर उसकी कदकाठी एक जैसी होने का लाभ उठाया और उसे हिम्मत बनाकर खुद की हत्या की झूठी कहानी गढ दी। इसके बाद से हिम्मत फरार है। एसपी ने हिम्मत पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया है जो उसका पता बताने वालों को दिया जाएगा। 

बीमे की राशि का लालच : एसपी ने बताया कि हिम्मत ने स्टेट बैंक से करीब 20 लाख रुपए की बीमा लिया था, जिसकी नॉमिनी उसकी पत्नी थी। हिम्मत  लेन-देन का काम करता था, और लंबे समय से काफी कर्ज में डूबा हुआ था। कर्जे चुकाने से बचने और बीमे की राशि  हड़पने के लिए उसने पूरी साजिश रची थी। फिलहाल पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि उसके परिजन उसके साथ इस साजिश में शामिल थे या नहीं

डीएनए के लिए ले गए थे, क्या हुआ पता नहीं : चचेरे भाई संजय पाटीदार ने बताया उन्होंने शव दूर से देखा था। पुलिस ने भी नहीं बताया कि शव हिम्मत का है या मदन का। शुक्रवार को पुलिस ने बयान दर्ज किए। डीएनए सैंपल के लिए हिम्मत के माता-पिता को जिला अस्पताल ले गए। इसके बाद क्या हुआ, पता नहीं।


मामा ने फोटो में दांत देख कर कहा- शव मदन का है : लाश की शिनाख्ती संदिग्ध दिखी तो पुलिस ने मदन के परिजन को कपड़े व घटनास्थल के फोटो दिखाए। पत्नी मन्नाबाई ने अंडरवियर पहचान लिया। मामा गेंदालाल ने बताया मदन के आगे के दांत बड़े थे व घटनास्थल पर मिली लाश के भी आगे के दांत बड़े हैं। मदन की हत्या की जानकारी देने के बाद पिता भागीरथ चुप हो गए, वे कुछ बोल नहीं रहे। मां रेशमबाई बदहवास हैं व अनाप-शनाप बोल रही हैं। जिला अस्पताल से डॉक्टर ने उनके लिए दवाएं दी हैं। पत्नी मन्नाबाई मूक-बधिर है। पुलिस की पूछताछ का जवाब भी इशारों में देती हैं। मदन की दो बेटियां रवीना 8 साल की व सोनी 1 साल की हैं।

  • बीमे की राशि के लिए रची थी खुद की हत्या की साजिश
  • पुराने नौकर की हत्या कर हिम्मत ने खुद की लाश साबित करने के लिए जला दिया था चेहरा
  • पुलिस ने डीएनए टेस्ट के जरिए उठाया राज से पर्दा

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