शहडोल: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शहडोल के पकरिया गांव में संवाद कार्यक्रम में जनजातीय प्रतिनिधियों, फुटबॉल क्लब के खिलाड़ियों, स्वसहायता समूह की लखपति दीदियों और पेसा एक्ट लागू होने के बाद उससे लाभान्वित हुए हितग्राहियों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने स्वसहायता समूह एवं आजीविका मिशन से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त बनी लखपति दीदियों से आत्मीय संवाद किया। संवाद के दौरान महिलाओं से गृहिणी से लखपति बनने के सफर को विस्तार से जाना और समझा।
मोदी ने लखपति दीदियों से आर्थिक सशक्तिकरण के इस सफर में आई मुश्किलों और सफलताओं के अनुभव भी जाने। मोदी भी आर्थिक सशक्तिकरण की मिसाल बन चुकी इन लखपति दीदियों से उनके अनुभव सुनकर प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि आप लखपति दीदियां सभी महिलाओं के लिए आदर्श एवं अनुकरणीय है तथा उनके लिए प्रेरणा का काम करेंगी।
घर की चारदीवारी में रहने वाली लखपति दीदियां भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने सामने देखकर गदगद और उत्साहित हो गई। उनसे अपने अनुभव साझा करते हुए भावुक हो हुई।
कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद लखपति दीदी सविता वर्मन और राधा ने बताया कि घूंघट में रहने वाली महिलाओं ने अपने घर की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने का बीड़ा उठाया है। लखपति बनकर अब घर की स्थिति बेहतर हो गई तो बच्चों की पढ़ाई से लेकर, परिवार और समाज का नजरिया भी हमारे लिए बदल गया है। अब हम आत्मनिर्भर है, परिवार की बेहतरी के लिये निर्णय ले सकते हैं और जरूरत पड़ने पर अपनी मर्जी से घर के बाहर भी निकल सकते हैं। आदिवासी बाहुल्य इलाके में ज्यादातर पैदल चलने वाली महिलाएं अब अपनी स्कूटी से बाजार एवं अपने अन्य जरूरी काम करने लगी हैं।
मुर्गी व बकरी पालन से सुधरी माली हालतः राधा रजक
संवाद कार्यक्रम में प्रधानमंत्री से मिलकर अभिभूत हुई लखपति राधा रजक ने बताया कि चार साल पहले मेरे घर की हालत बहुत ज्यादा खराब थी। ऐसे में मुझे किसी ने स्व-सहायता समूह से जुडने की सलाह दी। शुरू में मुझे लगा कि सहायता समूह कोई बैंक लोन देने वाली संस्था है, लेकिन समय के साथ मैंने स्व-सहायता समूह की गतिविधियों और उद्देश्यों को समझा। मैंने अपने घर की माली हालत सुधारने समूह से मुर्गीपालन के लिए लोन लिया। धीरे-धीरे मुर्गीपालन का मेरा यह व्यवसाय चल पड़ा। अब मेरे घर की माली हालत पहले से कही ज्यादा बेहतर है
राधा ने बताया कि शुरुआत में मैंने स्व-सहायता समूह से कर्जा लेकर 50 मुर्गियां खरीदी, जिसे बाद में बढाकर 100 किया। अच्छा काम चलने से अब मैं दो से ढाई सौ तक मुर्गियां रखने लगी हूं। घर से भी सहयोग मिला तो मैंने बकरी पालन के लिए भी सोचना शुरू किया। स्वसहायता समूह से मिलने वाली समय-समय पर सहायता ने मुझे बकरी पालन के लिए भी सहायता उपलब्ध कराई। अब मेरे दोनों ही काम बड़े अच्छे चल रहे हैं। दोनों कामों से मेरे परिवार की माली हालत भी ठीक हो गई है। मेरी आमदनी भी बढ़ गई है। पहले मैं बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए 4 साल पहले परेशान होती थी, अब मैं उनकी पढ़ाई भी अच्छे से करवा पा रही हूं। मैं जिस स्वसहायता समूह से सदस्य के रूप में जुड़ी थी, अब उसी संस्था की अध्यक्ष हूं। मैं यही कहूंगी कि समूह से जुड़ना निश्चित रूप से मेरा जीवन बदलने वाला निर्णय था। प्रधानमंत्री को अपने बीच उपस्थित देख मैं बहुत अभिभूत हूं और खुद को खुशनसीब समझती हूं।
सामान्य परिस्थितियों में पली-बढ़ी और अब लखपति दीदी बनी सरिता बर्मन भी मोदी की गरिमायम उपस्थिति से प्रभावित है। सरिता कहती है कि हम महिलाएं कभी घर के अंदर घूंघट में रहती थी। स्वसहायता समूह से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त बन गई हूं, लेकिन अब लखपति दीदी के रूप में जानी- पहचानी जा रही हूं। सविता कहती हैं कि शुरुआत में मेरे घर की हालत गंभीर थी, लेकिन स्व सहायता समूहों ने महिलाओं को जैसे आजादी और आत्मनिर्भरता के पंख लगा दिए। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए जो योजनाएं चलाई जा रही है, निश्चित रूप से हम महिलाएं अब आत्मनिर्भर बनते हुए आगे भी बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री मिले फुटबॉल के होनहारों से
प्रधानमंत्री ने शहडोल संभाग के अंतर्गत संचालित “फुटबॉल क्रांति” कार्यक्रम के तहत लगभग सौ फुटबॉल खिलाड़ियों और कोच से संवाद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पकरिया में होनहार फुटबॉल खिलाड़ियों से बात की। मोदी ने फुटबॉल खिलाड़ियों से संवाद करते हुए उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को बड़ी आत्मीयता से सुना और समझा। मोदी फुटबॉल की इतनी सारी प्रतिभाओं को एक साथ देखकर गदगद हुए। उन्होंने शहडोल के कमिश्नर राजीव शर्मा के निर्देशन में चल रहे “फुटबॉल क्रांति” कार्यक्रम के बारे में जानकारी ली। खिलाड़ियों ने भी फुटबॉल क्रांति से उनके जीवन में आए परिवर्तनों से जुड़े अपने अनुभव बताए। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान नन्हे एवं प्रतिभावान फुटबॉल खिलाड़ी चार साल के अनिदेव सिंह और पांच साल के यश से भी बात की तथा उन्हें शुभकामनाएं दी।
पीएम से मिलकर प्रेरित हुए खिलाड़ी
अमलाई के शेख कुनैन के अनुसार उन्हें बचपन से फुटबॉल का शौक था। स्थानीय स्तर पर फुटबॉल भी खेलते थे। उन्होंने कप्तानी भी की है। 2021 से शुरू हुए “फुटबॉल क्रांति” ने अब उनका फुटबॉल के प्रति नजरिया ही बदल दिया है। हम रोज अच्छी सुविधाओं के बीच प्रैक्टिस करते हैं। ट्रेनिंग कर रहे हैं। आगे देश के लिए खेलने का सपना है। आज प्रधानमंत्री को अपने समक्ष पाना बड़ा ही प्रेरणादायक है। साथ ही हम सब खिलाड़ी उन्हें अपने बीच पाकर अभिभूत है। संवाद कार्यक्रम में शामिल हुआ पांच साल का यश का देश के लिए फुटबॉल खेलने का सपना है। राष्ट्रीय स्तर के सीनियर फुटबॉल चयनकर्ताओं ने दूसरी कक्षा के यश की प्रतिभा देखकर उसे आगामी दिनों में फुटबाल खेल का भविष्य माना है।
फुटबाल खिलाड़ी रेणु केवट ने कहा कि बचपन से थोड़ा-बहुत तो शौक था किंतु फुटबॉल क्रांति के बाद से मुझे इस खेल में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। वह प्रतिदिन विचारपुर ग्राउंड में प्रैक्टिस करती है। रेणु बताती है कि खिलाड़ियों के बीच प्रधानमंत्री मोदी को अपने बीच पाकर उनसे मिली ऊर्जा हम खिलाड़ियों के लिए उत्साहवर्धन करने वाली है।