विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में जब से भगवान के दर्शन सशुल्क किए गए हैं, तभी से मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ दर्शन के नाम पर ठगी की वारदातें सामने आने लगी है। अभी मंदिर के सुरक्षाकर्मियों और शहर के अन्य स्थानों पर पंडितों की वेशभूषा में घूमने वाले लोगों द्वारा भस्मआरती की नकली रसीद बनाने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप सोनी के पास एक ऐसा मामला पहुंचा, जिसमें कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करवाने के नाम पर कुछ लोग सक्रिय हैं, जो कि मंदिर में ही घूम कर श्रद्धालुओं से हजारों रुपये ले रहे हैं। शिकायत करने वाले लोगों ने कलेक्टर और प्रशासक को 24 अप्रैल को नंदीहाल की एक घटना बताई, जिसमें एक व्यक्ति ने 4000 लेकर पांच श्रद्धालुओं को चांदी द्वार से गर्भगृह में प्रवेश करवाया था।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में 24 अप्रैल 2023 को दोपहर एक से दो बजे के बीच कोई बाहरी व्यक्ति पुजारी की वेशभूषा में खुलेआम श्रद्धालुओं से 4000 लेकर चांदी द्वार से गर्भगृह तक उन्हें ले गया और दर्शन कराए। उसी समय वहां मौजूद कांग्रेस के युवा नेता संतोष दरबार भी लाइन में लगे थे। उन्होंने स्वयं घटना को अपनी आंखों से देखा और उस बाहरी व्यक्ति से थोड़ी कहासुनी भी की। सारे मामले को समझ कर संतोष दरबार ने कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विवेक गुप्ता एडवोकेट को घटना बताई और प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता गुप्ता ने सीधे कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम एवं प्रशासक संदीप सोनी से संपर्क किया और मामले से अवगत कराया। कलेक्टर पुरुषोत्तम ने उन्हें आश्वस्त किया कि कैमरे की रिकॉर्डिंग की जांच कराकर मामले को वेरीफाई कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 26 अप्रैल 2023 दोपहर मंदिर प्रशासक कार्यालय में कैमरे रिकॉर्डिंग की जांच की गई, जहां शिकायतकर्ता संतोष दरबार ने घटनाक्रम और उस बाहरी व्यक्ति को वेरीफाई किया और पूर्ण घटनाक्रम कैमरे में पाया गया। कांग्रेस प्रवक्ता विवेक गुप्ता एडवोकेट ने बताया कि पूरे मामले में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम का रुख सहयोगात्मक रहा, उन्होंने कांग्रेस को आश्वस्त किया है कि वह सख्त कार्रवाई करेंगे।
मंदिर समिति के जिम्मेदार मौन
यह पूरा मामला सीसीटीवी कैमरे में दर्ज है और स्पष्ट दिख रहा है कि रुपये का लेनदेन कर गर्भगृह से दर्शन करवाये हैं। लेकिन मंदिर समिति के जिम्मेदार कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। मंदिर समिति प्रशासक संदीप सोनी हमेशा की तरह इस मुद्दे पर भी मौन साधे हैं। सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल का कहना है कि घटनाक्रम की जांच जारी है।